सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी के आंसर की जारी करने के फैसले का किया स्वागत, बताया सकारात्मक निर्णय
Santosh Kumar | October 14, 2025 | 07:34 PM IST | 2 mins read
उम्मीदवारों को आपत्तियां या सुझाव देने का अवसर दिया जाएगा। सभी आपत्तियों और सुझावों की जांच विषय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की जाएगी।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के बाद प्रोविजनल आंसर की जारी करने के फैसले का स्वागत किया। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की पीठ ने यूपीएससी की प्रशंसा करते हुए इस फैसले को "सकारात्मक" बताया।
पीठ ने कुछ सिविल सेवा अभ्यर्थियों की याचिकाओं का निपटारा कर दिया, जिन्होंने यूपीएससी को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों की उत्तर कुंजी, कट-ऑफ अंक और अंक बताने का निर्देश देने की मांग की थी।
न्यायालय ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग पहले ही इस मामले में निर्णय दे चुका है और याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। न्यायालय ने अभ्यर्थियों के लिए उच्च न्यायालय में उचित राहत पाने का विकल्प भी खुला रखा।
'याचिका गलत प्रश्न के कारण दायर की गई'
इस मामले में अदालत की सहायता के लिए नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने यूपीएससी के एक हालिया हलफनामे का हवाला दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ये याचिकाएं गलत प्रश्न के कारण दायर की गई थीं।
उन्होंने आगे कहा की इस वजह से उम्मीदवारों के कई साल बर्बाद हो गए। यूपीएससी ने हलफनामे में कहा कि अंतिम उत्तर कुंजी परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद जारी की जाएगी। वहीं, प्री परीक्षा के बाद अस्थायी उत्तर कुंजी जारी की जाएगी।
आपत्ति दर्ज करने का दिया जाएगा अवसर
उम्मीदवारों को आपत्तियां या सुझाव देने का अवसर दिया जाएगा, जिन्हें 3 प्रामाणिक स्रोतों से समर्थित होना चाहिए। यूपीएससी ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी आपत्तियों और सुझावों की जांच विषय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की जाएगी।
इसके बाद, विशेषज्ञों की टीम द्वारा फाइनल आंसर की जारी की जाएगी, जो प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित करने का आधार बनेगी। संघ लोक सेवा आयोग ने कहा कि वह इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द लागू करना चाहता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपीएससी का फैसला याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करता है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा सहित कई परीक्षाएँ आयोजित करता है और इस फैसले से परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट
- Govt Survey: एक तिहाई स्कूली बच्चे लेते हैं निजी कोचिंग, शहरों में यह प्रवृत्ति अधिक, सरकारी सर्वे में खुलासा