Singapore Literature Prize 2024 की विजेता प्रशांति राम ने कहा कि मैंने ये किताब अपने दिवंगत पिता की देखभाल करते हुए लिखी थी।
Press Trust of India | September 11, 2024 | 11:29 AM IST
नई दिल्ली: सिंगापुर की ‘नानयांग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी’ में भारतीय मूल की एक व्याख्याता ने अंग्रेजी भाषा में लिखी अपनी लघुकथा ‘नाइन यार्ड साड़ीज’ के लिए सिंगापुर साहित्य पुरस्कार जीता है। प्रशांति राम (32) की यह पहली रचना 2023 के अंत में प्रकाशित हुई थी।
कहानी का ताना बाना सिंगापुर, सिडनी, न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में फैले तमिल ब्राह्मण परिवार की पीढ़ियों के इर्द गिर्द बुना गया है। 2024 में सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी डेब्यू, सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी ग्राफिक उपन्यास और सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी अनुवाद के लिए तीन नई श्रेणियां थीं।
प्रशांति ने अपनी रचना को पुरस्कृत किए जाने पर कहा, ‘‘मुझे बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा है। मैं बहुत आभारी हूं कि निर्णय लेने वालों ने ‘नाइन यार्ड साड़ीज’ में खूबियां देखी खासकर तब जब मैंने ये किताब अपने दिवंगत पिता की देखभाल करते हुए लिखी थी।”
समाचारपत्र ‘द स्ट्रेट टाइम्स’ ने अपनी एक खबर में प्रशांति के हवाले से लिखा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि अधिक से अधिक लेखक लघुकथा लेखन में प्रयोग करेंगे क्योंकि एक ही रचना में इतने सारे परिप्रेक्ष्यों और संदर्भों में डूबना बहुत आनंददायक होता है।’’
विक्टोरिया थिएटर में मंगलवार को एक कार्यक्रम में कवि सिरिल वोंग के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय समिति ने कहा कि उनका लेखन बहुत ‘‘कुशल, आत्मविश्वास से भरा, कभी-कभी हास्यपूर्ण और गहराई से प्रभावित करने वाला है’’।
सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी रचनात्मक गैर-काल्पनिक कृति का पुरस्कार भारतीय मूल की कलाकार शुबिगी राव को मिला, जिनकी ‘पल्प थ्री : एन इंटिमेट इन्वेंटरी ऑफ द बैनिश्ड बुक’ (2022) बैनिश्ड पुस्तकों पर उनकी तीसरी किस्त थी।
सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी भाषा का पहला पुरस्कार नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रोफेसर एमेरिटस पीटर एलिंगर (91) को मिला, जिनकी पुस्तक ‘डाउन मेमोरी लेन: पीटर एलिंगर मेमॉयर्स (2023)’ के लिए जीत ने उन्हें सिंगापुर साहित्य पुरस्कार का सबसे उम्रदराज विजेता बना दिया।
उनकी किताब उनके जीवन का वर्णन करती है और 20वीं सदी की कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ती है। मंगलवार को सिंगापुर पुस्तक परिषद द्वारा चार भाषाओं में दिए जाने वाले सिंगापुर साहित्य पुरस्कार में कुल 17 लेखकों, अनुवादकों और हास्य कलाकारों को सम्मानित किया गया।