Rajasthan: राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक पारित, नियम उल्लंघन पर 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना
Saurabh Pandey | September 4, 2025 | 03:53 PM IST | 2 mins read
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोचिंग संस्थान संवेदनशील बनें। उन्होंने कहा कि विधेयक में परिस्थिति व आवश्यकतानुसार भविष्य में संशोधन किया जा सकता है।
नई दिल्ली : राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इससे पहले उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि यह केवल कानून नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा यह विधेयक लाखों अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से सीधा जुड़ा है।
उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने सदन में कोचिंग विधेयक पर चर्चा के बाद कहा कि पहले संशोधन में कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण के लिए न्यूनतम विद्यार्थियों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 की गई है, जिससे कि छोटे और असंगठित कोचिंग सेंटर अपनी सुविधाएं विद्यार्थियों को उपलब्ध करा सकेंगे।
राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक में कहा गया है कि नियम उल्लंघन पर 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना किया जाएगा। इसके बाद भी उल्लंघन जारी रहने पर पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान किया गया है। कहा गया है कि यह विधेयक कोचिंग संस्थान विरुद्ध नहीं है, बल्कि सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा समान मापदंडों का पालन करवाने के लिए है।
कोचिंग संस्थानों को कराना होगा पंजीकरण
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य विद्यार्थियों को सम्मान दिलाने के साथ सशक्त नागरिक बनाना भी है। विधेयक के द्वारा शिक्षा क्षेत्र में दूरगामी और महत्वपूर्ण सुधार सुनिश्चित किए गए हैं। अब कोई भी कोचिंग संस्थान बिना राजकीय पंजीकरण के संचालित नहीं हो सकेगा। पंजीकरण के लिए उचित मापदण्डों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान रैंकिंग नहीं बल्कि संस्कार के केन्द्र बनें, जहां विद्यार्थी सामाजिक मूल्यों को सीख सकें।
मनोवैज्ञानिक काउंसलर की नियुक्ति अनिवार्य-
डॉ. बैरवा ने कहा कि राज्य स्तर पर कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए कोचिंग प्राधिकरण की स्थापना की गई है। राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन प्राधिकरण भी बनाया जाएगा। विद्यार्थियों को तनाव रहित अध्ययन के लिए प्रत्येक कोचिंग संस्थान में मनोवैज्ञानिक काउंसलर की नियुक्ति करना और तनाव प्रबंधन के सेशन अनिवार्य होंगे।
कोचिंग संस्थानों की जानकारी के लिए बनेगा वेब पोर्टल
विद्यार्थियों की परिजनों से नियमित संवाद की व्यवस्था की जाएगी। हर जिले में काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध होंगे। विद्यार्थियों को पारदर्शी सुविधा मिलेगी और कोचिंग संस्थानों की जवाबदेही तय होगी, जिससे एक स्वस्थ शिक्षा प्रणाली की स्थापना हो सकेगी। उन्होंने कहा कि नियंत्रण के लिए एक वेब पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर तमाम कोचिंग संस्थानों की जानकारी आमजन के लिए उपलब्ध होगी, इससे पारदर्शिता आएगी।
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