PU Convocation 2025: विश्वविद्यालय और उद्योग जगत के बीच संबंधों पर ध्यान देने की जरुरत है - राष्ट्रपति मुर्मू
Press Trust of India | March 12, 2025 | 10:36 PM IST | 2 mins read
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे छात्रों को उनके जीवन और संघर्षों में मदद मिल सके।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंजाब विश्वविद्यालय (Panjab University) के नीति निर्माताओं से बुधवार (12 मार्च) को विश्वविद्यालय और उद्योग जगत के बीच संबंधों तथा भविष्य की तैयारियों पर ध्यान देने के लिए कहा। मुर्मू ने पंजाब विश्वविद्यालय के 72वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। वह इस समारोह को संबोधित करने वाली छठी राष्ट्रपति थीं।
मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे छात्रों को उनके जीवन और संघर्षों में मदद मिल सके। इससे पहले डा.राजेंद्र प्रसाद ने 1951 में, नीलम संजीव रेड्डी ने 1981 में, ज्ञानी जैल सिंह ने 1985 में, ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने 2007 में और प्रणब मुखर्जी ने साल 2015 में दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।
इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद थे। मुर्मू ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 140 वर्षों में पीयू उच्च शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस विश्वविद्यालय ने शिक्षा, खेल, अनुसंधान और सांस्कृतिक क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई है। पीयू ने 17 बार ‘मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी’ हासिल की है। यह इस विश्वविद्यालय के एथलीट्स के समर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। इस विश्वविद्यालय के छात्र मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक (2024) में पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है।’’
उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पीयू में अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘मैं विश्वविद्यालय के सभी नीति निर्माताओं को बताना चाहती हूं कि विश्वविद्यालय और उद्योग जगत के बीच संबंधों तथा भविष्य की तैयारी पर अधिक काम करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को चाहे वे कोई भी विषय पढ़ रहे हों, उन्हें अनुप्रयोग आधारित शिक्षा मिलनी चाहिए।’’
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- VBSA Bill: लोकसभा ने 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक' को संयुक्त समिति को भेजने की दी मंजूरी, जानें महत्व
- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज