इग्नू के 38वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों और इग्नू ग्रुप को वर्चुअली संबोधित किया।
Abhay Pratap Singh | March 5, 2025 | 06:33 PM IST
नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने आज यानी 5 मार्च को बाबा साहेब अंबेडकर कन्वेंशन सेंटर, इग्नू मैदान गढ़ी परिसर में अपना 38वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। विश्वविद्यालय ने अपने-अपने कार्यक्रमों में सफल छात्रों को दीक्षांत समारोह में 3 लाख से अधिक डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रदान किए।
इस अवसर पर छात्रों और इग्नू ग्रुप को वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “1985 में अपनी स्थापना के बाद से इग्नू ने शिक्षा को किफायती, लचीला और समावेशी बनाकर इसमें क्रांति ला दी है। 35 लाख से अधिक शिक्षार्थियों और 58 देशों में एक मजबूत वैश्विक उपस्थिति के साथ, इग्नू दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा हाशिए के समुदायों सहित सभी तक पहुंचे।”
भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश लाभ पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर दिया, जो भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जहां 65% आबादी 35 वर्ष से कम है। उन्होंने दूरस्थ रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए AI और डिजिटल लर्निंग जैसी तकनीकी प्रगति को अपनाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की।
इग्नू के 38वें दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आईआईएम तिरुचिरापल्ली के निदेशक प्रो पवन कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा को समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ बनाने के विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने भगवद गीता से अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हुए व्यक्ति के जीवन को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर इग्नू की कुलपति प्रो उमा कांजीलाल ने अपने संबोधन में कहा कि,इग्नू ने एनईपी 2020 के प्रावधानों को सक्रिय रूप से लागू किया है। रक्षा बलों के अग्निवीरों के लिए विशेष रूप से पांच कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। 2024 में कुल 47 नए कार्यक्रम शुरू किए गए, जिससे कार्यक्रमों की कुल संख्या 334 हो गई।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दीक्षांत समारोह देश भर में विश्वविद्यालय के 39 क्षेत्रीय केंद्रों और 15 देशों में विश्वविद्यालय के विदेशी केंद्रों पर एक साथ आयोजित किया गया, जबकि मुख्य समारोह विश्वविद्यालय मुख्यालय में आयोजित किया गया। आगे कहा गया कि विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा इसकी उपस्थिति 70 देशों में है।