BPSC 70th Exam: हाईकोर्ट ने बीपीएससी को 30 जनवरी तक याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

जनसुराज के वकील ने कहा कि परीक्षा में अनियमितताएं केवल बापू परीक्षा परिसर तक ही सीमित नहीं थीं, बल्कि लगभग 28 विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर भी हुई थीं।

कोर्ट ने आयोग को याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ 30 जनवरी तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Santosh Kumar | January 16, 2025 | 08:04 PM IST

नई दिल्ली: पटना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को पिछले महीने आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई 31 जनवरी को तय करते हुए न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल ने यह भी आदेश दिया कि प्रतिवादियों को 30 जनवरी या उससे पहले जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया जाता है।

बीपीएससी 70वीं पीटी पुनर्परीक्षा को लेकर आज (16 जनवरी) पटना हाईकोर्ट में करीब एक घंटे तक बहस हुई। इस दौरान सरकारी वकील पीके शाही और जनसुराज के वकील वाई वी गिरी के बीच गरमागरम बहस हुई।

न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की पीठ ने कहा, "केंद्र के अंदर की वीडियो रिकॉर्डिंग के अनुसार, 13 दिसंबर को दोपहर 1:05 बजे एक अभ्यर्थी प्रश्नपत्र लेकर भागा और दोपहर 1:06 बजे कुछ प्रश्न सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए गए।"

ऐसे में पीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए पेपर लीक के आरोप को निराधार बताया। सभी तथ्यों को देखने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि वह किसी भी हालत में इस परीक्षा के लिए अंतरिम राहत देने के पक्ष में नहीं हैं।

'28 विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर अनियमितताएं'

इस पर जनसुराज के वकील वाई वी गिरी ने कोर्ट में दलील दी कि पटना के बापू परीक्षा परिसर में करीब 12 हजार परीक्षार्थी मौजूद थे। जांच में पता चला कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है। कई परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र नहीं दिया गया।

जनसुराज के वकील ने कहा कि परीक्षा में अनियमितताएं केवल बापू परीक्षा परिसर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि लगभग 28 विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर भी हुई हैं, जिसकी सूचना उन परीक्षा केंद्रों पर उपस्थित अभ्यर्थियों ने दी है।

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14 याचिकाकर्ताओं ने दायर की याचिका

दरअसल, प्रशांत किशोर की पार्टी ने पुनर्परीक्षा को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। प्रशांत किशोर ने आमरण अनशन खत्म करते हुए कहा, "अगर हाईकोर्ट हमारी बात नहीं सुनता है तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।"

कोर्ट ने आयोग को याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ 30 जनवरी तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अभ्यर्थियों की ओर से वकील सृष्टि सिंह, प्रणव कुमार केस लड़ रहे हैं। कुल 14 याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की है।

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