Santosh Kumar | January 16, 2025 | 06:57 PM IST | 1 min read
इस कार्यशाला में दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के 150 से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने भाग लिया।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने हाल ही में गुरुग्राम के सेक्टर-49 स्थित उप्पल साउथेंड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के 150 से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने भाग लिया।
कार्यशाला का उद्घाटन गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर अजय कुमार (आईएएस) ने किया। कार्यशाला में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की गई। अजय कुमार ने मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने पर जोर दिया।
उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मूल कारणों से निपटने और युवा पीढ़ी की सुरक्षा के लिए स्कूलों, अभिभावकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सामुदायिक संगठनों को शामिल करते हुए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने नशे की रोकथाम पर चर्चा की। इसमें डॉ. अनीस चिक्कुनाथ (आईआरएस, उप निदेशक, एनसीबी, दिल्ली) ने कानून प्रवर्तन की भूमिका को समझाया और स्कूलों के लिए सतर्कता उपाय सुझाए।
एसपी पंखुड़ी कुमार ने नशे की लत के शुरुआती लक्षणों को पहचानने के तरीके बताए। डॉ. अरविंद कुमार ने ई-सिगरेट के हानिकारक प्रभावों, खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के युवाओं पर इसके गंभीर प्रभाव के आंकड़े प्रस्तुत किए।
Also readउच्च शिक्षा विभाग के नए सचिव बने विनीत जोशी, एनटीए और सीबीएसई में निभा चुके हैं अहम भूमिका
डीएवी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ने नशे की लत की समस्या से निपटने के लिए सभी हितधारकों के सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला में शिक्षकों को नशे की लत की पहचान करने और उससे उबरने की रणनीति सिखाई गई।
इसमें नशा निवारण, स्वास्थ्य शिक्षा और सामुदायिक सहयोग पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने नशा मुक्त विद्यालय के लिए शपथ ली। यह कार्यशाला सुरक्षित शिक्षण वातावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।