Parents Survey: 94% माता-पिता बचपन से लाइफ स्किल प्रशिक्षण दिए जाने के पक्षधर, 23% करते हैं पहल
रिपोर्ट में विभिन्न शैक्षिक बोर्डों (जैसे आईसीएसई, सीबीएसई, आईबी और राज्य स्तरीय बोर्ड) के बच्चों के अभिभावकों से जानकारी एकत्र की गई है।
Santosh Kumar | October 9, 2024 | 07:13 PM IST
नई दिल्ली: एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि भारतीय माता-पिता प्रारंभिक जीवन कौशल प्रशिक्षण के महत्व को समझते हैं, लेकिन कार्यान्वयन में कमी है। 94% माता-पिता मानते हैं कि जीवन कौशल शिक्षा उनके बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन केवल 23% ने अपने बच्चों को इस प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
K12 टेक्नो सर्विसेज द्वारा किए गए सर्वेक्षण में भारत भर के 3000 से अधिक अभिभावकों से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। रिपोर्ट में विभिन्न शैक्षिक बोर्डों (जैसे आईसीएसई, सीबीएसई, आईबी और राज्य स्तरीय बोर्ड) के बच्चों के अभिभावकों से जानकारी एकत्र की गई है।
एनईपी 2020 पर नकारात्मक राय
सर्वेक्षण में शामिल 94% अभिभावकों ने कम उम्र में ही जीवन कौशल सिखाने के महत्व को स्वीकार किया। हालांकि, 23% पहुंच या संसाधनों की कमी के कारण ऐसे प्रशिक्षण का समर्थन नहीं करते। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 87% अभिभावक स्कूलों में प्रौद्योगिकी एकीकरण का समर्थन करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 57% माता-पिता स्क्रीन टाइम को संतुलित करने के लिए नॉन-स्क्रीन गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, 58.33% माता-पिता एनईपी 2020 के बारे में सकारात्मक राय रखते हैं, जबकि 41.67% इसके बारे में नकारात्मक राय रखते हैं।
Also read इंटर्नशिप से 12% छात्रों को मिला फुल-टाइम जॉब, अधिकांश को मिला वर्क फ्रॉम होम का अवसर: रिपोर्ट
28.76% आरटीई के बारे में नहीं जानते
रिपोर्ट में कहा गया है कि गतिविधि-आधारित शिक्षा (60.47 प्रतिशत) और कौशल-आधारित शिक्षा (53.44 प्रतिशत) सबसे अधिक पहचाने जाने वाले पहलू हैं। हालांकि, 21.12 प्रतिशत माता-पिता किसी भी विशिष्ट पहलू से अनभिज्ञ हैं, जो नीति के विवरण और लाभों के बारे में बेहतर संचार की आवश्यकता को दर्शाता है।
71.24 प्रतिशत अभिभावक शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम के बारे में जानते हैं, जबकि 28.76 प्रतिशत इससे अंजान हैं। एक सर्वेक्षण से पता चला है कि अभिभावकों की संचार प्राथमिकताएं और स्कूलों की कार्यप्रणाली एक दूसरे से मेल नहीं खाती हैं।
74% अभिभावक साप्ताहिक या मासिक अपडेट चाहते हैं, 40% स्कूल प्रतिदिन संवाद करते हैं। जबकि अभिभावक व्हाट्सएप संदेश (50%) और अभिभावक-शिक्षक बैठक (28%) पसंद करते हैं, लेकिन स्कूल मुख्य रूप से पीटीएम (31%), अभिभावक पोर्टल (22%) और व्हाट्सएप/एसएमएस (22%) का उपयोग करते हैं।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें
- JEE Main 2025 Result: जेईई मेन सेशन 2 का रिजल्ट जल्द; जानें टॉप एनआईटी की कोर्स-वाइज ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक
- GATE 2025: आईआईटी कानपुर में एमटेक प्रोग्राम के लिए गेट कटऑफ क्या होगी? रैंक, फीस और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक
- JEE Advanced 2025: आईआईटी पटना के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी जालंधर के लिए जेईई मेन में कितने अंक चाहिए? एनआईआरएफ रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Advanced 2025: आईआईटी धारवाड़ के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी अगरतला के लिए जेईई मेन में कितने अंक चाहिए? एनआईआरएफ रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Advanced 2025: आईआईटी रोपड़ के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रान्चवाइज रैंक स्कोर जानें