एनआईओएस-एमएएनयूयू ने समावेशी और कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
Santosh Kumar | October 16, 2025 | 06:10 PM IST | 1 min read
एनआईओएस के अध्यक्ष ने कहा कि एनआईओएस देश के वंचित वर्ग को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
नई दिल्ली: समावेशी और सुलभ शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, आज सीपीडीयूएमटी ऑडिटोरियम, एमएएनयूयू परिसर में आयोजित एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नोएडा और मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता वंचित और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने और एनईपी 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।
इस अवसर को विशेष महत्व का बताते हुए एनआईओएस के अध्यक्ष अखिलेश मिश्र ने कहा, “भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना अत्यंत प्रतीकात्मक है।
समावेशी व कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा
उन्होंने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य भी उनके आदर्शों के अनुरूप है। प्रोफेसर अखिलेश मिश्र ने कहा कि एनआईओएस देश के वंचित वर्ग को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एनआईओएस का नेटवर्क पूरे देश में फैला है इसका लक्ष्य हर उम्र के लोगों तक शिक्षा पहुंचाना है। मानू के कुलपति ने कहा कि यह सहयोग ‘रीचिंग द अनरीच्ड’ मिशन को मजबूत करेगा और समावेशी व कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देगा।
एनआईओएस के सचिव ने कहा कि कौशल-आधारित शिक्षा भविष्य है और रोज़गार सृजन का एक प्रमुख कारक है। एनआईओएस के छात्र सहायता सेवा निदेशक ने कहा कि यह सहयोग देश भर के हज़ारों छात्रों के लिए नए अवसर पैदा करेगा।
मानू के रजिस्ट्रार ने कहा कि यह साझेदारी शिक्षा में नई संभावनाएं खोलेगी और समाज के विकास में मदद करेगी। कार्यक्रम में एनआईओएस व मानू के अधिकारी, प्रोफेसर और छात्र शामिल हुए। समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
अगली खबर
]UP News: कुशीनगर में 27 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय मॉडल रॉकेट्री प्रतियोगिता का आयोजन, 600 छात्र होंगे शामिल
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) में संवर्धन निदेशालय के निदेशक विनोद कुमार ने कहा, “यह प्रतियोगिता छात्रों को उपग्रह मिशनों का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगी और भारत के तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए उन्हें तैयार करेगी।”
Santosh Kumar | 1 min readविशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट