NEET UG Controversy: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पीएम मोदी को पत्र, नीट परीक्षा समाप्त करने की मांग

Press Trust of India | June 29, 2024 | 08:26 AM IST | 2 mins read

एमके स्टालिन ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे अपने राज्य विधानसभा में नीट परीक्षा को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित करने पर विचार करें।

सीएम की मांग चयन प्रक्रिया अलग से प्रवेश परीक्षा के बजाय केवल 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होनी चाहिए। (इमेज-पीटीआई)

नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र से आग्रह किया है कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए राज्य को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा से छूट दी जाए। सीएम ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि प्रोफेशनल कोर्स के लिए चयन प्रक्रिया अलग से प्रवेश परीक्षा के बजाय केवल 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अलग से प्रवेश परीक्षा से छात्रों पर अवांछित अतिरिक्त तनाव पड़ रहा है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे अपने राज्य विधानसभा में नीट परीक्षा को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित करने पर विचार करें।

स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, "हमने तमिलनाडु में नीट परीक्षा आयोजित नहीं करने और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रदान करने के लिए अपनी विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।"

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उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने उपर्युक्त मांग के संबंध में आज (28 जून) सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि वह तमिलनाडु को नीट से छूट देने के लिए विधेयक को अपनी मंजूरी दे और राष्ट्रीय स्तर पर इस चयन प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में संशोधन करे।

बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा ने शुक्रवार (28 जून) को सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया था। भाजपा के विरोध और वॉकआउट के बावजूद सदन द्वारा पारित प्रस्ताव में केंद्र से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम में संशोधन करने और देश भर में स्क्रीनिंग टेस्ट को समाप्त करने की मांग की गई, जिसमें कई राज्यों में अनियमितताओं और तमिलनाडु में टेस्ट के बढ़ते विरोध को ध्यान में रखा गया।

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