MP Medical College News: “रैगिंग के शिकार” छात्रों ने मेडिकल कॉलेज के छात्रावास को बताया “रावण की लंका”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "X" पर "प्लीज हेल्प मी" नाम से अकाउंट पर एक छात्र ने कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में रैगिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं।

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र ने मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में रैगिंग का आरोप लगाया है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | December 18, 2024 | 02:52 PM IST

मध्य प्रदेश: इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में जूनियर एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ कथित रैगिंग का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर आरोप सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "X" पर "प्लीज हेल्प मी" नाम से अकाउंट चलाने वाले एक छात्र ने कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में रैगिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। व्यक्ति ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए खुद को एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र बताया है।

Ragging News: रैगिंग के कारण गंभीर अवसाद में छात्र

छात्र ने कहा है कि रैगिंग के कारण वह "गंभीर अवसाद" में है। उसने आरोप लगाया है कि पिछले तीन महीनों से उसे रैगिंग के माध्यम से गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है और "वह मौत के कगार पर है।"

"एक्स" पोस्ट में स्थानीय मीडिया से अपील की गई है, "कृपया मेरी बात सुनें। मेरा अनुरोध है कि शहर में अगर कोई रावण की लंका है, तो वह एमजीएम मेडिकल कॉलेज का ब्वॉयज हॉस्टल है, जहां न पुलिस का नियंत्रण है और न ही कॉलेज का।"

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सीनियर छात्रों ने की जूनियर्स की पिटाई

पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि नशे की हालत में सीनियर छात्रों ने देर रात से सुबह तक हॉस्टल की छत पर जूनियर छात्रों को पीटते रहे। इन पोस्ट में सीएम मोहन यादव, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को टैग कर मदद की गुहार लगाई गई है।

मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक डीन डॉ. नीलेश दलाल ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि रैगिंग के आरोपों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने लड़कों के छात्रावास के मुख्य वार्डन डॉ. वीएस पाल से तथ्यों की जानकारी मांगी है।

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