एनएमसी को भेजे पत्र में यूडीएफ ने रैगिंग रोकने के लिए 2021 के एंटी रैगिंग नियमों को लागू करने और एंटी रैगिंग स्क्वॉड के गठन की मांग की है।
Santosh Kumar | December 10, 2024 | 08:28 PM IST
नई दिल्ली: यूडीएफ (यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट) ने मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के बढ़ते मामलों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। डॉक्टरों के इस संगठन ने एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) द्वारा रैगिंग रोकने के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों की सराहना की है। यूडीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्य मित्तल ने कहा कि जो मेडिकल कॉलेज इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एनएमसी को लिखे पत्र में यूडीएफ ने कहा है कि हाल के दिनों में देश के मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के कई मामले सामने आए हैं। गुजरात के धारपुर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के दौरान एक छात्र की मौत हो गई।
ऐसी घटनाओं को देखते हुए यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) ने एनएमसी से रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। यूडीएफ ने नियमों का पालन न करने वाले कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एनएमसी के पत्र के अनुसार, मेडिकल यूजी और पीजी छात्रों से रैगिंग की कई शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें से कुछ मामलों में आत्महत्या की नौबत भी आ रही है। एंटी-रैगिंग नियम होने के बावजूद, उनके क्रियान्वयन में कई खामियां पाई गई हैं।
इनमें निगरानी तंत्र की कमी, एंटी-रैगिंग दस्ते का अभाव, वार्षिक एंटी-रैगिंग रिपोर्ट जमा न करना और रैगिंग को रोकने के लिए आवश्यक कदम न उठाना शामिल है, जिसके कारण रैगिंग के मामलों में वृद्धि हो रही है।
एनएमसी को भेजे पत्र में यूडीएफ ने रैगिंग रोकने के लिए 2021 के एंटी रैगिंग नियमों को लागू करने और एंटी रैगिंग स्क्वॉड के गठन की मांग की है। साथ ही कॉलेजों से वार्षिक एंटी रैगिंग रिपोर्ट समय पर जमा करने की अपील की गई है।