उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने शुरू की 3 नई पहल

Santosh Kumar | July 16, 2024 | 06:56 PM IST | 2 mins read

यूजीसी प्रमुख ने इस पहल के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यूजीसी भारतीय भाषा समिति के साथ मिलकर 12 भारतीय भाषाओं में स्नातक स्तर की पाठ्यपुस्तकें तैयार करेगी।

इस अवसर पर यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार भी मौजूद थे। (इमेज-X/@ugc_india)
इस अवसर पर यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार भी मौजूद थे। (इमेज-X/@ugc_india)

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और भारतीय भाषा समिति ने उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए 3 नई पहल शुरू की। इस पहल की शुरुआत "उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों के लेखन" पर कार्यशाला के दौरान की गई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और भारतीय भाषा समिति द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में देश भर के नोडल विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भाग लिया।

सचिव ने राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) की सराहना की जो “वास्तविक समय अनुवाद वास्तुकला के लिए भारतीय भाषा पारिस्थितिकी तंत्र” पहल का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये पहल अगले पांच वर्षों में भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।

शिक्षा मंत्रालय की 3 नई पहल

उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति ने यूजीसी और भारतीय भाषा समिति के सहयोग से "अस्मिता" पहल की शुरुआत की। इस परियोजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा के विभिन्न विषयों में भारतीय भाषाओं में अनुवाद और मौलिक पुस्तक लेखन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इसका लक्ष्य 5 वर्षों के भीतर 22 भाषाओं में 1,000 पुस्तकें तैयार करना है। जिसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 पुस्तकें होंगी।

सचिव ने "बहुभाषी शब्दकोश" भी लॉन्च किया। केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल) और भारतीय भाषा समिति के सहयोग से विकसित इस बहुभाषी शब्दकोश में सभी भारतीय भाषाओं के शब्द और उनके अर्थ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह शब्दकोश आईटी, उद्योग, अनुसंधान, शिक्षा जैसे विभिन्न नए युग के क्षेत्रों में भारतीय शब्दों, वाक्यांशों और वाक्यों का उपयोग करने में मदद करेगा।

इसके साथ ही मंत्रालय द्वारा भारतीय भाषा पारिस्थितिकी तंत्र पहल की भी शुरुआत की गई। इस पहल के तहत रियल टाइम ट्रांसलेशन आर्किटेक्चर विकसित की जाएगी, जिससे भारतीय भाषाओं का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से हो सकेगा।

Also readशिक्षा मंत्रालय की घोषणा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और छात्रावासों को मिलेंगी तकनीकी सुविधाएं

यूजीसी प्रमुख ने पहल पर प्रकाश डाला

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें लिखने पर यूजीसी कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार भी मौजूद थे।

उन्होंने इस पहल के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यूजीसी भारतीय भाषा समिति के साथ मिलकर 12 भारतीय भाषाओं में स्नातक स्तर की पाठ्यपुस्तकें तैयार करेगी। इस पहल का लक्ष्य जून 2025 तक कला, विज्ञान और वाणिज्य धाराओं को शामिल करते हुए 1800 पाठ्यपुस्तकें तैयार करना है।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के सदस्य विश्वविद्यालयों के साथ 13 नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने प्रत्येक भाषा में पुस्तक लेखन प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी बनाई है।

इस एसओपी में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, लेखकों की पहचान, शीर्षक, विषय और कार्यक्रम का आवंटन, लेखन और संपादन, पांडुलिपि प्रस्तुत करना, समीक्षा और साहित्यिक चोरी की जाँच, अंतिम रूप देना, डिजाइनिंग, प्रूफ-रीडिंग और ई-प्रकाशन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ‘यूजीसी को विश्वास है कि यह एक दिवसीय कार्यशाला इस पहल को शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक दिन बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी।’

Download Our App

Start you preparation journey for JEE / NEET for free today with our APP

  • Students300M+Students
  • College36,000+Colleges
  • Exams550+Exams
  • Ebooks1500+Ebooks
  • Certification16000+Certifications