Karnataka News: तीन और ब्राह्मण छात्रों ने सीईटी परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले जनेऊ काटने का लगाया आरोप

हलकेरी (गडग जिला) और धारवाड़ में भी परीक्षा अधिकारियों द्वारा जनेऊ काटकर कूड़ेदान में फेंके जाने के मामले सामने आए हैं।

बीदर में एक अन्य छात्र को कथित तौर पर सीईटी परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | April 20, 2025 | 06:53 PM IST

कर्नाटक: कर्नाटक में इंजीनियरिंग और अन्य संकायों के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के दौरान शिवमोग्गा में एक छात्र के जनेऊ के अपमान की घटना के बीच, बीदर, गडग और धारवाड़ में छात्रों को जनेऊ उतारने के लिए मजबूर करने के तीन और मामले सामने आए हैं। तीन ब्राह्मण छात्रों ने अब आरोप लगाया है कि या तो उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया या फिर परीक्षा से पहले ही उनके जनेऊ उतारने के लिए उन्हें मजबूर किया गया।

अब हलकेरी (गडग जिला) और धारवाड़ में भी परीक्षा अधिकारियों द्वारा जनेऊ काटकर कूड़ेदान में फेंके जाने के मामले सामने आए हैं। एक छात्र ने बताया कि इस घटना से वह इतना परेशान हो गया कि परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाया।

इससे पहले, बीदर में एक अन्य छात्र को कथित तौर पर सीईटी परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद छात्र की शिकायत पर कार्रवाई की गई और साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल और सहायक को बर्खास्त कर दिया गया।

Karnataka CET Exam: कॉलेज के दो अधिकारी निलंबित

यह घटना कर्नाटक के बीदर जिले के साईं स्फूर्ति प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हुई। यहां 17 अप्रैल को अंडरग्रेजुएट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (यूजीसीईटी) के दौरान सुचिव्रत कुलकर्णी नामक छात्र को परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया।

छात्र का कहना है कि उसे इसलिए रोका गया क्योंकि उसने जनेऊ पहना हुआ था। इसके बाद जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। बीदर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए और कॉलेज के दो अधिकारियों को निलंबित करने का पत्र जारी किया।

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Karnataka News: दोबारा परीक्षा कराने की मांग की

कॉलेज चलाने वाली साईं दीपा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने 19 अप्रैल को कॉलेज के प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ को बर्खास्त करने का फैसला किया था। छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी ने सरकार से दोबारा परीक्षाएं कराने की मांग की है।

उन्होंने एएनआई से कहा, "मैंने 17 अप्रैल को गणित के लिए सीईटी परीक्षा दी। जब मैं परीक्षा केंद्र पर पहुंचा, तो कॉलेज वालों ने मेरी जांच की और मेरा जनेऊ देखा। उन्होंने कहा कि या तो इसे उतार दो या काट दो, तभी वे मुझे परीक्षा में बैठने देंगे।"

मैंने उनसे करीब 45 मिनट तक विनती की, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और मुझे वापस घर जाना पड़ा।" उन्होंने आगे कहा, "मैं सरकार से मांग करता हूं कि या तो परीक्षा दोबारा आयोजित की जाए या मुझे सरकारी कॉलेज में सीट दी जाए।"

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