JNUSU Elections: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में हिंसा के मद्देनजर चुनाव प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए की गई स्थगित

चुनाव आयोग ने मांग की है कि जेएनयू प्रशासन हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे और चुनाव फिर से शुरू होने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करे।

चुनाव आयोग द्वारा नामांकन वापस लेने की समयसीमा कई बार बढ़ाए जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। (स्त्रोत- एक्स/@ABVPVoice)
चुनाव आयोग द्वारा नामांकन वापस लेने की समयसीमा कई बार बढ़ाए जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। (स्त्रोत- एक्स/@ABVPVoice)

Press Trust of India | April 19, 2025 | 10:33 AM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव को शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। नामांकन वापस लेने की समय सीमा को कई बार बढ़ाए जाने के कारण पिछले दो दिनों में निर्वाचन समिति (ईसी) कार्यालय में हिंसा और तोड़फोड़ की लगातार घटनाओं के मद्देनजर चुनाव स्थगित किए गए हैं।

निर्वाचन समिति ने सुरक्षा में गंभीर कमी तथा परिसर में शत्रुतापूर्ण माहौल का हवाला देते हुए चुनाव प्रक्रिया रोकने के निर्णय की घोषणा की। चुनाव आयोग ने मांग की है कि जेएनयू प्रशासन हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे और चुनाव फिर से शुरू होने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करे।

निर्वाचन समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘निर्वाचन समिति कार्यालय और इसके सदस्यों के खिलाफ हिंसा और तोड़फोड़ की हालिया घटनाओं के कारण चुनाव प्रक्रिया गंभीर रूप से बाधित हुई है। जब तक प्रशासन और छात्र संगठनों द्वारा ईसी के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर ली जाती तब तक अंतिम उम्मीदवार सूची जारी करने सहित पूरी प्रक्रिया को रोक दिया गया है।”

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चुनाव आयोग द्वारा नामांकन वापस लेने की समयसीमा कई बार बढ़ाए जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। मूल रूप से 16 अप्रैल के लिए निर्धारित अंतिम उम्मीदवारों की सूची में देरी की गई और 17 अप्रैल को शाम 4 बजे तक नाम वापस लेने की खिड़की खुली रखी गई, जिसे बाद में बढ़ाकर 4:30 बजे कर दिया गया।

चुनाव आयोग ने 18 अप्रैल को दोपहर 2 बजे से 2:30 बजे तक एक और समय दिया, जिससे और अधिक विरोध प्रदर्शन हुए। अराजकता के दौरान, बैरिकेड्स हटा दिए गए, चुनाव आयोग के कार्यालय के शीशे तोड़ दिए गए और कई समिति सदस्यों ने असुरक्षित महसूस करने की बात कही। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस विस्तार का कड़ा विरोध किया और इसे अलोकतांत्रिक बताया।

एबीवीपी ने चुनाव आयोग पर “लेफ्ट यूनाइटेड” के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है और चुनाव को स्थगित करने को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास बताया है। ABVP ने एक बयान में कहा, “JNU चुनाव समिति वामपंथियों की कठपुतली बन गई है।”

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