DU International Students Festival 2025: डीयू में अंतर्राष्ट्रीय छात्र महोत्सव आयोजित, कई विशिष्ट अतिथि शामिल

Saurabh Pandey | March 11, 2025 | 10:32 PM IST | 3 mins read

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जगन्नाथ सामी ने कहा कि अपने पूर्वजों की मातृभूमि में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। फिजी की संस्कृति और इतिहास की जड़ें गहनता से भारत के साथ जुड़ी हैं। फिजी अपने आप में लघु भारत है।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न देशों के विद्यार्थियों ने अपने-अपने देश की संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के फॉरेन स्टूडेंट्स रजिस्ट्री (एफएसआर) विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय छात्र महोत्सव-2025 का आयोजन मंगलवार, 11 मार्च को किया गया। इस अवसर पर राजदूत शशांक (भारत सरकार के पूर्व विदेश सचिव) बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की। फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त जगन्नाथ सामी महोत्सव के विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न देशों के विद्यार्थियों ने अपने-अपने देश की संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शशांक ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप में से प्रत्येक विद्यार्थी आपके देश की भारत के साथ साझेदारी को विकसित करने में काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन पश्चिमी दर्शन से भिन्न है। हमारी सोच है कि अपने ज्ञान को आप दूसरों के साथ जितना बांटेंगे उतना आप भी और प्राप्त करेंगे और अन्य लोग भी प्राप्त करेंगे।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जगन्नाथ सामी ने कहा कि अपने पूर्वजों की मातृभूमि में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। फिजी की संस्कृति और इतिहास की जड़ें गहनता से भारत के साथ जुड़ी हैं। फिजी अपने आप में लघु भारत है। जब भारतीय लोग फिजी गए थे तो अपने साथ रामायण, महाभारत, गीता, कुरान और बाइबल जैसी पवित्र पुस्तकें लेकर गए थे, जिन्होंने उन्हें मानसिक और धार्मिक रूप से गहनता से मजबूत किया। राम लीला, कृष्ण लीला और भजनों आदि के माध्यम से उन्होंने अपनी पहचान को बनाए रखा है।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अपने भाषण में कहा कि डीयू में पढ़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्र भारत के विभिन्न प्रदेशों का भी भ्रमण करें ताकि वह भारत की समृद्ध संस्कृति का अवलोकन कर उसे समझ सकें। उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय भारत का पहला विश्वविद्यालय था, जिसने 1956 में विदेशी छात्रों के लिए अफ्रीकन स्टडी विभाग में कार्यालय स्थापित किया था।

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए सभी कोर्सों में 10 प्रतिशत सीटें

कुलपति ने बताया कि डीयू के डिप्लोमा और डिग्री से लेकर पीएचडी तक सभी कोर्सों में 10% सुपरन्यूमरेरी सीटों की व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए की गई है। पिछले वर्षों में हमने हजारों विदेशी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी है।

DU International Students Festival 2025: अंतरराष्ट्रीय पूर्व छात्रों पर गर्व

उन्होंने डीयू के अनेकों पूर्व अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की उनके देशों में मजबूत उपस्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि मॉरीशस के वर्तमान राष्ट्रपति गोकुल धर्म, श्रीलंका की वर्तमान प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, म्यांमार की नोबल पुरस्कार विजेता आंग सान सू और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला सहित अनेकों ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने दुनिया में डीयू का नाम रोशन किया है। कुलपति ने कहा कि हमें अपने अंतरराष्ट्रीय पूर्व छात्रों पर गर्व है जो उनके देशों की मजबूती के साथ वैश्विक विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

Also read DU Admission 2025: डीयू यूजी एडमिशन ब्रोशर जारी, सीयूईटी अंकों के आधार पर मिलेगा प्रवेश, पात्रता मानदंड जानें

डीयू के डीन एफएसआर प्रो. अमरजीवा लोचन ने बताया कि दुनिया भर से 45 देशों के अंतरराष्ट्रीय छात्र डीयू में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सभी देशों के विद्यार्थियों ने अपने-अपने देशों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां इस कार्यक्रम के लिए तैयार की हैं। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं ने प्रार्थना प्रस्तुत की। तिब्बत, फ़िजी, श्रीलंका, कंबोडिया, वेंज्युएला, थाईलैंड और साउथ कोरिया आदि के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को बांधे रखा। इस दौरान डीयू कल्चर काउंसिल के चेयरपर्सन अनूप लाठर, अनेकों देशों के राजदूत, काउंसलर और प्रतिनिधियों सहित कई शिक्षक और अनेकों विद्यार्थी उपस्थित रहे।

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]