IIT Mandi: आईआईटी मंडी ने जनरल इंजीनियरिंग बी.टेक प्रोग्राम किया लॉन्च, ड्युअल डिग्री का भी विकल्प
Saurabh Pandey | May 21, 2024 | 03:43 PM IST | 2 mins read
आईआईटी मंडी के कार्यक्रम के मुताबिक छात्र अपने सातवें सेमेस्टर में कैपस्टोन परियोजनाओं को पूरा करेंगे और अपने आठवें सेमेस्टर में साझेदार कंपनियों के साथ इंटर्नशिप करेंगे।
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने सामान्य इंजीनियरिंग में एक नया बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) कार्यक्रम शुरू किया है। चार साल के इस कार्यक्रम में पहले दो वर्षों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और कंप्यूटर साइंस सहित विभिन्न इंजीनियरिंग विषयों पर रिसर्च होगी।
इसके बाद, छात्रों को अपनी रुचि के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा। संस्थान के अनुसार, छात्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और उद्योगों के साथ साझेदारी के माध्यम से आईआईटी मंडी से अलग विकल्प अपना सकते हैं। अंतिम दो वर्षों के दौरान, छात्रों को अपने करियर की आकांक्षाओं के अनुरूप विशेषज्ञता चुनने की अनुमति दी जाएगी।
आईआईटी मंडी ने विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञताओं के लिए प्रसिद्ध संस्थानों के साथ साझेदारी की है। इसमें निम्नलिखित संस्थान शामिल हैं-
- दलार्ना विश्वविद्यालय, स्वीडन: ऊर्जा इंजीनियरिंग और सूचना प्रणाली में विशेषज्ञता
- सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु: विनिर्माण में विशेषज्ञता
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी: फैशन डिजाइन और प्रौद्योगिकी, उत्पाद डिजाइन और एनीमेशन में विशेषज्ञता
दोहरी डिग्री का विकल्प
छात्र वैकल्पिक रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स, साइबर सुरक्षा, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, उद्यमिता, या ई- मोबिलिटी में विशेषज्ञता के साथ आईआईटी मंडी में अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम एमबीए की डिग्री के साथ दोहरी डिग्री का विकल्प भी प्रदान करता है, जो छात्रों को समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है और उनके करियर की संभावनाओं को व्यापक बनाता है।
आईआईटी मंडी के जनरल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. सत्वशील रमेश पोवार ने कहा कि आईआईटी मंडी उद्योग की आवश्यकताओं के साथ निकटता से जुड़े पाठ्यक्रम को सह-विकसित करने के लिए विशिष्ट औद्योगिक भागीदारों के साथ काम करके अपने सामान्य इंजीनियरिंग कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि छात्र वर्तमान उद्योग मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम में भाग लें। छात्र अपने सातवें सेमेस्टर में कैपस्टोन परियोजनाओं को पूरा करेंगे और अपने आठवें सेमेस्टर में साझेदार कंपनियों के साथ इंटर्नशिप करेंगे।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट
- Govt Survey: एक तिहाई स्कूली बच्चे लेते हैं निजी कोचिंग, शहरों में यह प्रवृत्ति अधिक, सरकारी सर्वे में खुलासा
- NEET PG 2025 Result: नीट पीजी रिजल्ट 3 सितंबर तक होगा जारी, लाखों उम्मीदवारों को इंतजार, जानें अपेक्षित कटऑफ
- Coursera Global Skills Report 2025: भारत वैश्विक रैंकिंग में 89वें स्थान पर, एआई और टेक स्किल की मांग में तेजी
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता, फीस और रैंक जानें
- NEET UG 2025 Counselling: एम्स दिल्ली के लिए नीट में कितने मार्क्स चाहिए? जानें संभावित कैटेगरी वाइज कटऑफ
- Parakh Rashtriya Sarvekshan: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- स्कूली शिक्षा की स्थिति चिंताजनक, मोदी सरकार उदासीन
- Bihar Govt Jobs: 35% आरक्षण अब सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए, बीपीएससी ने जारी की अधिसूचना
- NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कितनी सीटें? पिछले साल हुई बढ़ोतरी, जानें राज्यवार डिटेल