इस कार्यक्रम को पूरा करने वाले लोगों को कई क्षेत्रों में काम करने के अच्छे अवसर मिलेंगे, जैसे कि शास्त्रीय, लोकप्रिय और फिल्मी संगीत उद्योग, संगीत रिकॉर्डिंग और निर्माण में विशेषज्ञता, शोध संस्थान, शिक्षा जगत।
Saurabh Pandey | July 5, 2024 | 03:49 PM IST
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम एंड मेंटल हेल्थ एप्लीकेशन (आईकेएसएचएमए) ने संगीत और म्यूसोपैथी में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएस) (शोध द्वारा) और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) कार्यक्रम शुरू किए हैं।
इन कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट https://iksmha.iitmandi.ac.in/musopathy.php पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2024 तक है।
आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, संगीत और म्यूसोपैथी एक शोध-आधारित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य कुशल पेशेवरों और शोधकर्ताओं को विकसित करना है, जो संगीत के विकास, समझ, व्यक्तियों और समाज पर इसके लाभकारी प्रभावों में योगदान दे सकते हैं।
कार्यक्रम पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों उम्मीदवारों के लिए है और इसे लाइव सत्र, ऑनलाइन कक्षाओं या हाइब्रिड प्रारूप में आगे बढ़ाया जा सकता है। कार्यक्रम संगीत और म्यूसोपैथी में एक व्यापक शिक्षा प्रदान करता है, जिसमें मूलभूत, मध्यवर्ती और उन्नत पहलू शामिल हैं, जो सभी IKSMHA केंद्र की विशेषज्ञता से समृद्ध हैं।
संस्थान ने कहा कि इस कार्यक्रम के स्नातकों के पास करियर के व्यापक अवसर होंगे। वे शास्त्रीय, लोकप्रिय और फिल्म संगीत उद्योगों में करियर बना सकते हैं, या म्यूजिक रिकॉर्डिंग और प्रोडक्शन में महारथ हासिल कर सकते हैं। अनुसंधान संस्थान, शिक्षा जगत और स्वास्थ्य सेवा एवं कल्याण क्षेत्र भी इन विशिष्ट योग्यताओं वाले स्नातकों के लिए खुले रहेंगे।
इस नए कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए, आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहेरा ने कहा कि संगीत और संगीत चिकित्सा (Music and Musopathy) में एम.एस. और पीएचडी कार्यक्रम इस प्रयास में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम न केवल भारतीय संगीत के विज्ञान की खोज करेगा, बल्कि मन, शरीर, और चेतना के समग्र विकास के लिए इसके चिकित्सीय मूल्य को भी उजागर करेगा।
पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सोनल मानसिंह; कनाडा के यॉर्क विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं ताल विशेषज्ञ प्रो. त्रिची संकरन; आईआईएससी बैंगलोर के प्राध्यापक तथा प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. गौतम देसिराजू, शामिल हैं।
श्री चित्रवीणा एन. रविकिरण ने अग्रणी संगीत शिक्षा पोर्टल Acharyanet.com के सहयोग से इस प्रोग्राम के कुछ हिस्से को डिज़ाइन किया है। Acharyanet.com की संस्थापक और सीईओ सौम्या आचार्य ने आईआईटी मंडी के साथ सहयोग पर अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा, "कला और विज्ञान, कल्याण और स्वास्थ्य के पहलुओं को जोड़ने वाले इस अनोखे कार्यक्रम में आईआईटी मंडी जैसे एक प्रमुख संस्थान के साथ सहयोगात्मक कार्य करना हमारे लिए सम्मान की बात है।
इस कार्यक्रम को पूरा करने वाले लोगों को कई क्षेत्रों में काम करने के अच्छे अवसर मिलेंगे, जैसे कि शास्त्रीय, लोकप्रिय और फिल्मी संगीत उद्योग, संगीत रिकॉर्डिंग और निर्माण में विशेषज्ञता, शोध संस्थान, शिक्षा जगत। इस कोर्स में टेक्नोलॉजी, संगीत और चिकित्सा का समावेश करके, विभिन्न क्षेत्रों में नई चीजें करने और नेतृत्व करने के लिए जरूरी समग्र कौशल विकसित किए जाते हैं।