IIT Madras ने जिंक-एयर बैटरी विकसित करने के लिए हिंदुस्तान जिंक के साथ किया एमओयू

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “आईआईटी मद्रास के साथ हमारी साझेदारी जिंक-एयर बैटरी प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान को आगे बढ़ाएगी।

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने जिंक-एयर बैटरी तकनीक विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी की है। (इमेज-आधिकारिक)

Santosh Kumar | October 9, 2024 | 10:45 PM IST

नई दिल्ली: वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने उन्नत जिंक-एयर बैटरी तकनीक विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी की है। यह बैटरी लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में अधिक किफायती, रिचार्जेबल और टिकाऊ मानी जाती है। इस पहल का उद्देश्य महंगी और आयातित लिथियम-आयन बैटरी का सस्ता और टिकाऊ विकल्प तैयार करना है।

हिंदुस्तान जिंक ने एक बयान में कहा कि इस सहयोग का उद्देश्य 1 kWh रिचार्जेबल जिंक-एयर बैटरी का प्रोटोटाइप बनाना है। कंपनी ने कहा कि यह साझेदारी जिंक-आधारित बैटरी प्रौद्योगिकी के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बयान में कहा गया है कि लिथियम-आयन बैटरियां इस समय बाजार में छाई हुई हैं, लेकिन उनकी ऊंची कीमत, सीमित संसाधन और सुरक्षा संबंधी समस्याएं बड़ी चुनौतियां हैं। जिंक आधारित बैटरियां इन चुनौतियों का बेहतर तरीके से समाधान कर सकती हैं।

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हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “आईआईटी मद्रास के साथ हमारी साझेदारी जिंक-एयर बैटरी प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान को आगे बढ़ाएगी, जो ऊर्जा भंडारण के भविष्य को फिर से परिभाषित करेगी।"

उन्होंने कहा, "हम ऊर्जा भंडारण में जिंक के नए उपयोग खोजकर भविष्य को अधिक हरित और टिकाऊ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि जिंक-एयर बैटरियां एक बेहतर विकल्प बनकर सामने आ रही हैं।

जिंक-एयर बैटरियां लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में अपनी दीर्घकालिक भंडारण क्षमता, स्थायित्व और लागत-प्रभावशीलता के लिए जानी जाती हैं। जिंक लिथियम से सस्ता है और बेहतर प्रदर्शन करने वाला समाधान प्रदान करता है।

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