‘साइस्टार’ के मुख्य फोकस में राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे की रक्षा करना और वित्त, स्वास्थ्य सेवा, ऑटोमोटिव एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों में सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना शामिल होगा।
Abhay Pratap Singh | October 8, 2024 | 02:15 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) ने देश में नवाचारों को बढ़ावा देने वाले फंडामेंटल एंड एप्लाइड रिसर्च के लिए एक नया साइबर सुरक्षा केंद्र शुरू किया है। यह ब्लॉकचेन, एआई मॉडल के लिए सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम सुरक्षा और IoT सुरक्षा में अग्रणी प्रगति की दिशा में काम करेगा।
साइस्टार का उद्देश्य इनोवेशन रिसर्च एंड एजुकेशन के माध्यम से साइबर सुरक्षा की सीमाओं को आगे बढ़ाना है। साइबर सुरक्षा को एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, CyStar की रिसर्च टीम विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखती है। CyStar में वित्त, स्वास्थ्य सेवा, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों में महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना शामिल है।
‘साइबर सिक्योरिटी, ट्रस्ट एंड रिलायबिलिटी सेंटर’ (CyStar) का उद्घाटन आज यानी 8 अक्टूबर को आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो वी. कामकोटि की उपस्थिति में हुआ। इस दौरान केंद्र समन्वयक प्रो. श्वेता अग्रवाल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के फैकल्टी मेंबर प्रो चेस्टर रेबेरो और प्रो जॉन ऑगस्टीन तथा भारत एवं विदेश के कई शिक्षाविद व उद्योग प्रतिनिधि शामिल रहे।
आईआईटी मद्रास में CyStar एक व्यापक, बहु-आयामी रणनीति विकसित करेगा जो एआई और पोस्ट-क्वांटम युग से उत्पन्न होने वाली साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करेगी। यह दृष्टिकोण महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा तथा इन उन्नत प्रौद्योगिकीय खतरों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करेगा।
साइस्टार के प्रमुख अनुसंधान, उद्योग और सरकारी साझेदारों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय, विटेस्को टेक्नोलॉजीज, कैस्परस्की, आईडीबीआई बैंक, एलजी इंडिया, सप्तांग लैब्स, एल्गोरैंड, इंडो-फ्रेंच सेंटर फॉर द प्रमोशन ऑफ एडवांस्ड रिसर्च और राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वय सचिवालय आदि शामिल हैं।
लॉन्च समारोह को संबोधित करते हुए आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने कहा, “साइबर खतरों की वृद्धि के साथ, न केवल वित्तीय लाभ के लिए बल्कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर लक्षित क्षेत्रवार हमलों के साथ, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए सक्रिय साइबर रक्षा तंत्र अपनाएं। इस संदर्भ में, ऐसे प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”