IIT Madras: आईआईटी मद्रास ने कैंसर रिसर्च को ट्रांसफॉर्म करने के लिए कैंसर जीनोम डेटाबेस लॉन्च किया

हाल ही में आईसीएमआर की रिपोर्ट से पता चलता है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में नौ में से एक व्यक्ति को कैंसर होने की संभावना है।

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने भारतीय स्तन कैंसर जीनोम सीक्वेंस निर्माण के पूरा होने की घोषणा की।
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने भारतीय स्तन कैंसर जीनोम सीक्वेंस निर्माण के पूरा होने की घोषणा की।

Saurabh Pandey | February 3, 2025 | 06:56 PM IST

नई दिल्ली : कैंसर दुनिया भर में सबसे घातक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि इस घातक बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम ने बताया कि भारत में नौ में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना है और वर्तमान में 14,61,427 लोग कैंसर से पीड़ित हैं। वर्ष 2022 से हर साल कैंसर की घटनाओं में 12.8% की वृद्धि हो रही है।

कैंसर जीनोम सीक्वेंसिंग प्रक्रिया

भारत में विभिन्न कैंसर के लिए जीनोमिक परिदृश्य में अंतर को भरने के लिए, आईआईटी मद्रास ने 2020 में कैंसर जीनोम कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम के तहत, देश भर में एकत्र किए गए 480 स्तन कैंसर रोगी टीश्यू सैंपल से 960 पूरे एक्सोम सीक्वेंस को पूरा किया गया है।

आईआईटी मद्रास ने मुंबई के कर्किनोस हेल्थकेयर, चेन्नई ब्रेस्ट क्लिनिक और कैंसर रिसर्च एंड रिलीफ ट्रस्ट, चेन्नई के सहयोग से डेटा का विश्लेषण किया और भारतीय स्तन कैंसर के सैंपल से आनुवंशिक वेरिएंट का सारांश तैयार किया।

भारत कैंसर जीनोम एटलस जारी

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने भारतीय स्तन कैंसर जीनोम सीक्वेंस निर्माण के पूरा होने की घोषणा की और आज कैंपस में भारत कैंसर जीनोम एटलस (बीसीजीए) जारी किया।

यह जीनोम एटलस कैंसर की प्रगति और विकास के आनुवंशिक आधार पर भी जानकारी प्रदान करता है और भारत में बायोमेडिकल अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को “व्यक्तिगत चिकित्सा” की दृष्टि की ओर स्थानांतरित करने में मदद कर सकता है, जो क्लिनिकल निर्णय लेने की प्रक्रिया में किसी व्यक्ति की आनुवंशिक और आणविक जानकारी को शामिल करके चिकित्सा देखभाल के मानक को बेहतर बना सकता है।

यह विश्लेषण कैंसर में सटीक चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय केंद्र के तत्वावधान में किया गया था, जो कैंसर देखभाल समाधानों के अंतःविषय अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए आईआईटी मद्रास और कार्किनोस हेल्थकेयर के बीच एक पहल है।

संस्थान आईआईटी मद्रास में कैंसर टीश्यू बायोबैंक सुविधा के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार से मिले समर्थन को स्वीकार करता है।

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आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा कि समाज के प्रति हमारी आईआईटीएम फॉर ऑल प्रतिबद्धता के अनुरूप हम एक और स्वास्थ्य संबंधी डेटा जारी कर रहे हैं, इस शैक्षणिक वर्ष में यह दूसरा डेटा है, ब्रेन डेटा के बाद कैंसर जीनोम डेटा। हमें उम्मीद है कि इससे इस घातक बीमारी के कारणों के बारे में गहन जानकारी मिलेगी और शुरुआती हस्तक्षेप से इसे रोकने में मदद मिलेगी।

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