IIT Guwahati: आईआईटी गुवाहाटी ने बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में एमटेक कोर्स किया शुरू, 31 जुलाई तक करें आवेदन
कार्यरत पेशेवरों के लिए डिजाइन किया गया बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में एमटेक कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में संचालित किया जाएगा।
Abhay Pratap Singh | July 15, 2025 | 02:59 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी (IIT Guwahati) ने ‘बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन’ (Flood and Water Resources Management) में एक नया एमटेक डिग्री कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से कार्यरत पेशेवरों और स्नातकों के लिए तैयार किया गया है, जो बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन पर अपने कौशल को बढ़ाना चाहते हैं।
सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा यह डिग्री प्रोग्राम हाइब्रिड मोड (कक्षाएं ऑनलाइन, प्रयोगशालाएं और अंतिम परीक्षा आईआईटी गुवाहाटी परिसर में) में संचालित किया जाएगा। यह कार्यक्रम छात्रों को जल संकट, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास से जुड़े जटिल मुद्दों से निपटने के लिए उन्नत ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।
MTech in Flood and Water Resources Management: आवेदन शेड्यूल
आईआईटी गुवाहाटी ने अपने नए एमटेक प्रोग्राम के पहले बैच के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। पात्र उम्मीदवार आधिकारिक पोर्टल opadmission.iitg.ac.in/mtechregistration पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में एमटेक कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई है। अधिक जानकारी के लिए www.iitg.ac.in/oes/odp/mtech/fwrm विजिट कर सकते हैं।
प्रेस रिलीज के अनुसार, आईआईटी गुवाहाटी में बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन एमटेक कोर्स में एडमिशन लेने के लिए GATE Score की आवश्यकता नहीं है। उम्मीदवारों का चयन विभाग द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा/साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। किसी भी प्रश्न के लिए adm_mtech_fwrm@iitg.ac.in पर मेल कर सकते हैं।
पात्रता मानदंड के अनुसार, सिविल/कृषि इंजीनियरिंग या संबद्ध विषयों में 4 वर्षीय स्नातक डिग्री (या समकक्ष) में न्यूनतम 60% अंक या 6.0/10 सीपीआई लाने वाले उम्मीदवार आवेदन के लिए पात्र हैं। इसके अलावा, जल संसाधन क्षेत्र (Water Resource Sector) में आवेदक के पास कम से कम 1 वर्ष का व्यावसायिक अनुभव होना चाहिए।
IIT Guwahati MTech FWRM: प्रोग्राम के चरण और डिग्री
यह कार्यक्रम छात्रों को विभिन्न चरणों में मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्रों के साथ स्नातक होने का अवसर प्रदान करता है। जो इस प्रकार हैं:
- 4 पाठ्यक्रमों के पूरा होने के बाद - बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन मेंपीजी प्रमाणपत्र
- 7 पाठ्यक्रमों के पूरा होने के बाद - बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा
- 2 सेमेस्टर और 10 पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद - बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस (इंजीनियरिंग)
- 4 सेमेस्टर, सभी पाठ्यक्रम और कैपस्टोन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद - बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में एमटेक
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Parakh Rashtriya Sarvekshan: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- स्कूली शिक्षा की स्थिति चिंताजनक, मोदी सरकार उदासीन
- Bihar Govt Jobs: 35% आरक्षण अब सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए, बीपीएससी ने जारी की अधिसूचना
- NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कितनी सीटें? पिछले साल हुई बढ़ोतरी, जानें राज्यवार डिटेल
- Israel-Iran Conflict: सुरक्षा कारणों से तेहरान से भारतीय छात्रों को निकाला गया, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
- UP Police Joining Letter: यूपी पुलिस में एक साथ भर्ती हुए सेवानिवृत्त फौजी और उनके बेटे को मिला नियुक्त पत्र
- Teachers Protest: यूपी में 7 साल से नहीं आई कोई शिक्षक भर्ती, बेरोजगारों ने आयोग दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ