I-STEM: वन डिस्ट्रिक्ट, वन इक्विपमेंट ड्राइव 28 फरवरी से होगी शुरू, 167 जिलों के संस्थान पोर्टल पर शामिल
स कार्यक्रम का उद्देश्य आई-एसटीईएम-संचालित पोर्टल के माध्यम से शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और उद्योगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगशालाओं और उपकरणों के बड़े नेटवर्क से जोड़ना है।
Saurabh Pandey | February 27, 2025 | 02:55 PM IST
नई दिल्ली : इंडियन साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग फैसिलिटीज मैप ( I-STEM) भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की एक पहल, यह सुनिश्चित करने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट, वन इक्विपमेंट ड्राइव शुरू कर रही है, जिससे कि देश के हर जिले में वैज्ञानिक उपकरणों तक पहुंच हो।
यह पहल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार 28 फरवरी 2025 को शुरू होने वाली है। I-STEM डेटा के अनुसार, देश भर के वैज्ञानिक और शैक्षणिक संस्थानों में 1,500 करोड़ से अधिक मूल्य के लैब उपकरण पहले से ही I-STEM पोर्टल पर सूचीबद्ध हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य आई-एसटीईएम-संचालित पोर्टल के माध्यम से शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और उद्योगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगशालाओं और उपकरणों के बड़े नेटवर्क से जोड़ना है। यह शैक्षणिक संस्थानों को अपने वैज्ञानिक उपकरणों को पंजीकृत करने के लिए एक स्टेज प्रदान करता है, जिसे स्टार्ट-अप, उद्योग, उद्यमियों और शोधकर्ताओं द्वारा किराए पर लिया जा सकता है। इससे शोधकर्ताओं, उद्योग और स्टार्ट-अप को एडवांस्ड उपकरण खरीदने के लिए अधिक खर्च से राहत मिलेगी।
167 जिलों के संस्थान I-STEM पोर्टल पर शामिल
आई-एसटीईएम के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 192 में से 167 जिलों के संस्थानों को I-STEM पोर्टल पर शामिल किया गया है। हालांकि, कई लोग वैज्ञानिक उपकरणों तक पहुंच चाहने वाले शोधकर्ताओं को जवाब देने में विफल रहते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें शोधकर्ताओं का समर्थन करने में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो अनुसंधान एवं विकास प्रगति में बाधा डालता है, भारत की ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) रैंकिंग को प्रभावित करता है, और स्टार्टअप और उद्योगों में इनोवेशन को धीमा कर देता है।
Also read IISc Bengaluru: आईआईएससी बेंगलुरु में 1 मार्च को ओपन डे, विजिटर्स को कैंपस में जाने का मौका
आई-एसटीईएम के मुख्य परिचालन अधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक, डॉ. हरिलाल भास्कर ने कहा कि प्रयोगशालाओं में धूल जमा करने वाले उपकरण न केवल धन की बर्बादी है, बल्कि संभावित नवाचार और अनुसंधान की बर्बादी है जो राष्ट्र के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
डॉ. हरिलाल भास्कर ने आगे कहा कि आई-एसटीईएम का प्रस्ताव है कि देश भर के शैक्षणिक संस्थानों को स्टार्टअप, उद्योगों और ग्रामीण इनोवेटर्स सहित बाहरी उपयोगकर्ताओं के लिए अपने कुल लैब समय का कम से कम 30% आवंटित करना अनिवार्य किया जाए।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ
- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें
- JEE Main 2025 Result: जेईई मेन सेशन 2 का रिजल्ट जल्द; जानें टॉप एनआईटी की कोर्स-वाइज ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक
- GATE 2025: आईआईटी कानपुर में एमटेक प्रोग्राम के लिए गेट कटऑफ क्या होगी? रैंक, फीस और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक
- JEE Advanced 2025: आईआईटी पटना के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी जालंधर के लिए जेईई मेन में कितने अंक चाहिए? एनआईआरएफ रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें