Global Education Monitoring Report: दुनिया की 40% आबादी अपनी भाषा में शिक्षा हासिल नहीं कर पा रही - यूनेस्को
ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (GME) टीम ने “लैंग्वेज मैटर: ग्लोबल गाइडेंस ऑन मल्टीलिंग्वल एजुकेशन” नामक रिपोर्ट पेश की है।
Press Trust of India | March 2, 2025 | 01:14 PM IST
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की वैश्विक शिक्षा निगरानी (GME) टीम के अनुसार, दुनिया की आबादी में 40% लोगों के पास उस भाषा में शिक्षा हासिल करने की सुविधा नहीं है, जिसे वे बोलते या समझते हैं। विभिन्न देशों में घरेलू भाषा की भूमिका के बारे में समझ बढ़ने के बावजूद, नीतिगत पहल सीमित बनी हुई है।
ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग टीम के अनुसार, इस मामले में घरेलू भाषाओं का उपयोग करने की शिक्षकों की सीमित क्षमता, घरेलू भाषाओं में पाठ्य सामग्री की अनुपलब्धता और सामुदायिक विरोध जैसी कुछ चुनौतियों में शामिल हैं। कुछ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक है।
जीईएम अधिकारियों ने कहा कि 25 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी इससे प्रभावित हैं। उन्होंने राष्ट्रों से बहुभाषी शिक्षा नीतियां और तौर-तरीके लागू करने की सिफारिश की, जिसका लक्ष्य सभी शिक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने वाली शैक्षिक प्रणाली बनाना हो। शिक्षा में भाषा संबंधी बाधाओं का सामना 3.1 करोड़ से अधिक विस्थापित युवा कर रहे हैं।
Also read New SEBI Chief: सेबी के नए अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे कौन हैं? उनकी शैक्षणिक योग्यता जानें
टीम ने “लैंग्वेज मैटर: ग्लोबल गाइडेंस ऑन मल्टीलिंग्वल एजुकेशन” नामक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि प्रवास बढ़ने के साथ-साथ भाषाई विविधता एक वैश्विक वास्तविकता बनती जा रही है और विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि वाले शिक्षार्थियों वाली कक्षाएं अधिक आम होती जा रही हैं।
यह रिपोर्ट 25वें अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर संकलित की गई है। इस मौके पर मातृभाषाओं के उपयोग को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए किए गए समर्पित प्रयासों का जश्न मनाया गया।
जीईएम टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “आज वैश्विक स्तर पर 40 प्रतिशत लोग उस भाषा में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे जिसे वे धाराप्रवाह बोलते और समझते हैं। कुछ निम्न व मध्यम आय वाले देशों में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। इससे एक अरब से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हैं।”
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- JEE Main 2025: एनआईटी गोवा के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी सूरत के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी उत्तराखंड के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए; रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- Top Medical Colleges in India: भारत के टॉप मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? रैंक, एलिजिबिलिटी, कोर्स और फीस जानें
- NEET Cutoff 2025: टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए क्या होगा कट-ऑफ, जानें पिछले 3 वर्षों का डेटा
- Top Government Engineering Colleges in India: भारत के टॉप सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज कौन से हैं? NIRF रैंक जानें
- JEE Main 2025: एमएएनआईटी भोपाल के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें कटऑफ, पर्सेंटाइल स्कोर, फीस
- Top Engineering Colleges in Rajasthan: राजस्थान के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज कौन से हैं? जानें एलिजिबिलिटी, फीस
- Top Engineering Colleges in MP: मध्य प्रदेश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज कौन से हैं? रैंक, एलिजिबिलिटी, फीस जानें
- JEE Main 2025 Results: जेईई मेन सेशन 1 स्टेटवाइज 100 पर्सेंटाइल लिस्ट, जानें किस राज्य से कितने टॉपर्स