DUSU Election News: डीयू को छात्रसंघ चुनाव की मतगणना की अनुमति, कोर्ट ने शर्तों के साथ तय की तारीख

मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि अगले बैच के लिए डीयू के बुनियादी ढांचे को साफ रखना छात्रों और अभ्यर्थियों की जिम्मेदारी है।

DUSU Election 2024 के लिए 27 सितंबर को मतदान हुआ था। (इमेज-विकिमीडिया कॉमन्स)

Press Trust of India | November 12, 2024 | 11:24 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को 2024 के छात्र संघ चुनाव के लिए मतगणना शुरू करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने शर्त रखी है कि मतगणना तभी शुरू होगी जब वह परिसर की साफ-सफाई से संतुष्ट हो जाएगा। चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि नॉर्थ और साउथ कैंपस के ज्यादातर कॉलेजों में अभी भी पोस्टर और भित्तिचित्र चिपके हुए हैं।

उम्मीदवारों के वकील ने एक सप्ताह के भीतर शेष संपत्तियों से सामग्री हटाने का आश्वासन दिया। पीठ ने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर सफाई और रंगाई-पुताई को लेकर संतुष्टि हो जाती है तो 26 नवंबर या उससे पहले मतगणना शुरू हो सकती है।

DUSU Election News: 27 सितंबर को हुआ था मतदान

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए 27 सितंबर को मतदान हुआ था और 28 सितंबर को मतगणना होनी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने पोस्टर, होर्डिंग्स और भित्तिचित्रों को हटाए बिना मतगणना पर रोक लगा दी थी।

पीठ ने कहा कि डीयू के बुनियादी ढांचे को अगले बैच के लिए साफ-सुथरा रखना छात्रों और उम्मीदवारों की जिम्मेदारी है। अदालत ने कहा, "चूंकि डीयूएसयू चुनाव के उम्मीदवार युवा हैं, इसलिए उन्हें दूसरा मौका मिलना चाहिए।"

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DUSU Election 2024: इन छात्रों को बनाया था पक्षकार

अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा ने एक याचिका दायर कर संभावित डूसू उम्मीदवारों और छात्र संगठनों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, विरूपित करने, अपवित्र करने और नष्ट करने के लिए कार्रवाई की मांग की थी।

डीयू के वकील ने अदालत को बताया कि "डूसू चुनाव सुधार समिति" का गठन किया गया है। अदालत ने कार्यवाही के दौरान मौखिक रूप से कहा कि कुलपति को चुनाव प्रचार के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

कोर्ट ने मामले में भानु प्रताप सिंह, रौनक खत्री, यश पंवार, ऋषभ चौधरी, लोकेश चौधरी, यश नांदल, राहुल सिंह डेढ़ा, अमन कपासिया समेत अन्य प्रत्याशियों को पक्षकार बनाया और चुनाव प्रचार के दौरान विरूपित क्षेत्रों की सफाई कराने का आदेश दिया था।

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