PURSE 2024: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग रिसर्च इकोसिस्टम मजबूत करने के लिए पीयूआरएसई कार्यक्रम करेगा लागू

अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) की राज्य विश्वविद्यालय अनुसंधान उत्कृष्टता (SURE) योजना का उद्देश्य राज्य और निजी विश्वविद्यालयों में अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देना है।

एसयूआरई योजना के तहत विश्वविद्यालय अनुसंधान के लिए ₹117.8 करोड़ का निवेश किया गया है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Abhay Pratap Singh | December 13, 2024 | 01:03 PM IST

नई दिल्ली: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) विश्वविद्यालयों में रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं वैज्ञानिक उत्कृष्टता संवर्धन (PURSE) प्रोग्राम लागू करेगा। पीयूआरएसई के तहत अब तक डीएसटी ने 82 विश्वविद्यालयों को 1227 करोड़ की सहायता प्रदान की है। पीयूआरएसई 2024 कॉल के तहत 9 और विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है।

इसके अलावा, “विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अवसंरचना के सुधार के लिए निधि” (DST-FIST) के तहत विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभागों को वैज्ञानिक अवसंरचना निर्माण के लिए सहायता मिलती है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।

पीआईबी के अनुसार, अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) की राज्य विश्वविद्यालय अनुसंधान उत्कृष्टता (SURE) योजना का उद्देश्य राज्य और निजी विश्वविद्यालयों में अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देना है। एसयूआरई योजना के तहत, विश्वविद्यालय अनुसंधान को मजबूत करने के लिए ₹117.8 करोड़ के निवेश के साथ 425 परियोजनाओं को समर्थन दिया गया है।

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हाल ही में, ANRF ने विश्वविद्यालय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए त्वरित नवाचार और अनुसंधान (PAIR) कार्यक्रम हेतु भागीदारी शुरू की है। यह कार्यक्रम अनुसंधान सहयोग, ज्ञान साझाकरण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष-स्तरीय संस्थानों (hubs) को उभरते संस्थानों (spokes) के साथ जोड़ता है। यह पहल शीर्ष-स्तरीय संस्थानों के साथ सहयोग करके भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) डीबीटी- बूस्ट टू यूनिवर्सिटी इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस डिपार्टमेंट्स फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च प्रोग्राम (DBT-BUILDER) और साइंटिफिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सेस फॉर हार्नेसिंग एकेडेमिया यूनिवर्सिटी रिसर्च ज्वाइंट कोलैबोरेशन (DBT-SAHAJ) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अनुसंधान संस्थानों में बुनियादी ढांचे के विकास में भी योगदान देता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाना और नवाचार को बढ़ावा देना है।

डीएसटी, डीबीटी, सीएसआईआर, एमओईएस और एएनआरएफ ने अनुसंधान अनुदान, फेलोशिप और बुनियादी ढांचे के विकास की पहल का समर्थन करके विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और तकनीकी परिदृश्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन संगठनों द्वारा पर्याप्त समर्थन ने देश के विश्वविद्यालय अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को काफी मजबूत किया है।

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