राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और नेशनल बुक ट्रस्ट के बीच समझौता
राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के माध्यम से विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन करने वाले छात्रों को भी लाभ मिलेगा।
Santosh Kumar | June 3, 2024 | 07:03 PM IST
नई दिल्ली: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग ने डिजिटल लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म, राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के लिए एक संस्थागत ढांचा बनाने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य देश में पठन संस्कृति को बढ़ावा देना तथा शिक्षा को अधिक सुलभ और समावेशी बनाना है।
राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के माध्यम से विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन करने वाले छात्रों को भी लाभ मिलेगा। दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजय कुमार ने किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय पाठकों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेगी, चाहे वे किसी भी भौगोलिक स्थान पर रहते हों। इससे उन्हें किताबें आसानी से मिल सकेंगी। साथ ही के. संजय मूर्ति ने नेशनल बुक ट्रस्ट से आग्रह किया कि वे शिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों को अच्छी किताबें लिखने के लिए आमंत्रित करें, जिन्हें पुस्तकालय में शामिल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आने वाले 2-3 वर्षों में 100 से अधिक भाषाओं में 10000 से अधिक पुस्तकें होंगी। संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी ने बताया कि ई-लाइब्रेरी में अंग्रेजी समेत 23 भाषाओं की 1000 से अधिक पुस्तकें पहले ही जोड़ी जा चुकी हैं।
ऐप एंड्रॉयड और आईओएस पर उपलब्ध
राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों डिवाइस पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा। राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी की अन्य प्रमुख विशेषताओं में साहसिक और रहस्य, हास्य, साहित्य और कथा, क्लासिक्स, गैर-काल्पनिक और स्व-सहायता, इतिहास, जीवनी, कॉमिक्स, चित्र पुस्तकें, विज्ञान, कविता आदि जैसी कई शैलियों में पुस्तकों की उपलब्धता शामिल होगी। इसके अलावा, पुस्तकें वसुधैव कुटुम्बकम को साकार करने के इरादे से देशभक्ति और सहानुभूति को बढ़ावा देंगी।
राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय परियोजना डिजिटल विभाजन को पाटने और सभी के लिए समावेशी वातावरण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पहली डिजिटल लाइब्रेरी, भारतीय बच्चों और युवाओं को अंग्रेजी के अलावा 22 से अधिक भाषाओं में 40 से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित 1,000 से अधिक गैर-शैक्षणिक पुस्तकें प्रदान करके उनमें पढ़ने के प्रति आजीवन प्रेम पैदा करने का प्रयास करेगी।
इसका उद्देश्य देश में बच्चों और किशोरों के लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों, भाषाओं, विधाओं और स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों की उपलब्धता को सुगम बनाना है। पुस्तकों को एनईपी 2020 के अनुसार 4 आयु समूहों में वर्गीकृत किया जाएगा, जो 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष आयु वर्ग के पाठकों के लिए होंगी।
अगली खबर
]CES Admission 2024-25: डीयू सीईएस के तहत सेमेस्टर 1, 3, 5 में दाखिले के लिए 10 जून को खोलेगा आवेदन विंडो
आवेदन विंडो सीईएस की आधिकारिक वेबसाइट ces.du.ac.in पर खुलेगी। इस योजना के तहत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कॉलेजों द्वारा पेश किए जाने वाले पेपरों के लिए आवेदन किया जा सकता है।
Santosh Kumarविशेष समाचार
]- JEE Main: जेईई स्कोर के बिना भारत के इन आईआईटी संस्थानों में ले सकते हैं प्रवेश; पाठ्यक्रम और शुल्क जानें
- Gandhi's statue unveiled: अमेरिका के सिएटल सेंटर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया गया अनावरण
- Gandhi Jayanti 2024: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती कल; इतिहास, महत्व और पसंदीदा गीत जानें
- CSE Vs ESE: कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बेहतर कौन, जानें कॅरियर संभावनाएं
- CAT 2024: आईएसबी हैदराबाद में कैट उत्तीर्ण छात्रों के लिए 20 महीने का पीजीपी कोर्स लॉन्च, जानें फीस
- CAT 2024: आईआईएम अहमदाबाद के पीजीपी बैच में 404 विद्यार्थियों में 25% छात्राएं, कैट स्कोर से मिला प्रवेश
- Importance of Hindi: ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की भूमिका के साथ ‘हिंदी’ का महत्व बढ़ा - सिंगापुर में उद्यमी
- NEET PG Counselling 2024: यूपी में 7 सालों में बढ़ी MBBS की 108 प्रतिशत और PG की 181 प्रतिशत सीटें
- NExT 2024 Latest News: नेशनल एग्जिट टेस्ट क्या है, जानें परीक्षा पैटर्न, क्वालीफाइंग पर्सेंटेज; एलिजिबिलिटी
- QS Rankings: आईआईएम अहमदाबाद, बेंगलुरु, कलकत्ता और आईएसबी हैदराबाद दुनिया के टॉप 100 एमबीए संस्थानों में शामिल