IIT Mandi: आईआईटी मंडी के 16वें स्थापना दिवस पर रक्षा मंत्री ने स्वदेशी एआई चिप्स, वॉर स्ट्रैटजी पर बात की
Saurabh Pandey | February 24, 2025 | 08:04 PM IST | 2 mins read
इस अवसर पर आईआईटी मंडी के गाइडेंस एंड काउंसलिंग सर्विसेज (GCS) का उद्घाटन किया गया, जो मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े मुद्दों को संबोधित करेगा।
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने अपना 16वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। संस्थान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, एआर-वीआर तकनीक, क्वांटम साइंस और सेमीकंडक्टर्स/चिपसेट्स के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है।
इस अवसर पर आईआईटी मंडी ने भारत की रक्षा और साइबर सुरक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए कदम उठाया है। संस्थान ने 16-चैनल क्वांटम न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटर विकसित किया है, जो मिलिट्री-ग्रेड साइबर सुरक्षा एप्लीकेशन के लिए तैयार किया गया है। यह तकनीक क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से रक्षा संचार को साइबर खतरों और जासूसी से बचाने में मदद करेगी।
यह पहल इंटरनेशनल ईयर ऑफ क्वांटम साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अनुरूप है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। संस्थान भविष्य में 64-चैनल क्वांटम न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटर विकसित करने की योजना बना रहा है।
IIT Mandi 16th Foundation Day: कार्यक्रम में मौजूद अतिथि
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल, और रोवियल स्पेस (फ्रांस) के सीटीओ डॉ. अमित कुमार पांडेय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इसके अलावा, दरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुराण चंद ठाकुर भी कार्यक्रम में शामिल हुए। आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवलजीत सिंह ढिल्लों और संस्थान के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहेरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
नई पहलों की घोषणा
इस अवसर पर आईआईटी मंडी के गाइडेंस एंड काउंसलिंग सर्विसेज (GCS) का उद्घाटन किया गया, जो मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े मुद्दों को संबोधित करेगा। साथ ही, संस्थान के सेंटर फॉर कंटिन्यिंग एजुकेशन (CCE) ने अब तक 7,000 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया है और 1,000 से अधिक स्कूल छात्रों को आईआईटी मंडी के अनुसंधान प्रयोगशालाओं से परिचित कराया है।
छात्रों, फैकल्टी को मिला सम्मान
कार्यक्रम में संस्थान की यात्रा और उपलब्धियों को दर्शाने वाली एक वीडियो स्क्रीनिंग की गई। साथ ही, फाउंडेशन डे अवार्ड्स के तहत छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। पुरस्कारों में यंग फैकल्टी फेलो अवार्ड, यंग अचीवर अवार्ड (फैकल्टी/एलुमनाई), स्टूडेंट्स एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड और स्टूडेंट्स टेक अवार्ड शामिल रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान-
तकनीक में हो रहे बदलावों में क्वांटम कंप्यूटिंग एक बड़ा उदाहरण है। पहले हमारे लिए सुपरकंप्यूटर ही तकनीक की ऊंचाई थे, लेकिन हाल ही में गूगल ने विलो नामक क्वांटम चिप लॉन्च की है। दावा किया गया है कि यह चिप मात्र पांच मिनट में उन गणनाओं को पूरा कर सकती है, जिनमें दुनिया के सबसे उन्नत सुपरकंप्यूटर को दस सेप्टिलियन साल (पूरे ब्रह्मांड की आयु से भी अधिक) लगेंगे। यह दिखाता है कि कैसे तकनीकी विकास हमारी अपेक्षाओं और क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी मंडी के शोधकर्ता रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी और वर्चुअल रियलिटी जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रहे हैं। संस्थान के निदेशक की दूरदृष्टि और छात्रों की प्रतिभा को देखते हुए मुझे विश्वास है कि आईआईटी मंडी इन उभरती तकनीकों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।"
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