कर्नाटक में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को बनाया गया विश्वविद्यालय का कुलाधिपति, भाजपा ने की आलोचना

Press Trust of India | November 29, 2024 | 04:34 PM IST | 2 mins read

भाजपा ने कहा कि सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार वर्तमान में अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए उच्च शिक्षा प्रणाली को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।

राज्यपाल थावरचंद गहलोत कर्नाटक के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। (स्त्रोत-आधिकारिक एक्स)

नई दिल्ली: कर्नाटक मंत्रिमंडल द्वारा एक विधेयक को मंजूरी दी गई है, जिसके अनुसार आरडीपीआर विश्वविद्यालय में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को चांसलर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विश्वविद्यालय (KSRDPRU) का कुलाधिपति मुख्यमंत्री को बनाने संबंधी राज्य सरकार के इस कदम की विपक्षी भाजपा ने आलोचना की है।

प्रदेश भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि राज्यपाल की शक्तियों में कटौती करना संवैधानिक प्रणाली के साथ छेड़छाड़ है। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसके अनुसार गडाग स्थित आरडीपीआर विश्वविद्यालय में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को कुलाधिपति नियुक्त किया जाएगा। राज्यपाल थावरचंद गहलोत कर्नाटक के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं।

विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘शिक्षा में राजनीति को नहीं लाने के नेक इरादे के साथ और संविधान की भावना के अनुरूप, राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। लेकिन अपनी मौजूदा शक्तियों का दुरुपयोग कर कई भ्रष्टाचार में लिप्त (मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया नीत सरकार उच्चतर शिक्षा प्रणाली को दूषित करने का प्रयास कर रही है।’’

Also read UP News: एएमयू में प्रवेश के लिए दलितों-पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग को लेकर नवगठित संगठन ने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम ग्रामीण विकास अध्ययन के क्षेत्र में ‘‘अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप’’ का मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे पहले सितंबर में मंत्रिमंडल ने कलबुर्गी में हुई एक बैठक में आरडीपीआर विश्वविद्यालय के कुलपति को नियुक्त करने की शक्ति हथियाने की कोशिश की थी।”

कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने बृहस्पतिवार को सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा था, ‘‘यह प्रणाली गुजरात और अरुणाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में मौजूद है।’’

विजयेंद्र ने आगे कहा कि, सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार वर्तमान में अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार की श्रृंखलाओं में लिप्त होने के बीच उच्च शिक्षा प्रणाली को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। सरकार राज्यपाल के पास मौजूद सर्वोच्च अधिकारों को छीनने के लिए कदम उठाने जा रही है, जो संविधानिक व्यवस्था को हिला देने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार का यह कदम अत्यंत निंदा योग्य है।"

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]