Chhattisgarh News: सरकारी स्कूल की 18 छात्राएं सीमेंट प्लांट की जहरीली गैस से हुईं बीमार, अस्पताल में भर्ती
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, लगातार तीन दिन से स्कूल में बच्चे बेहोश हो रहे थे, ग्रामीण लगातार प्रशासन से शिकायत कर रहे थे लेकिन प्रशासन सोया रहा और आज यह स्थिति बन गई।
Press Trust of India | January 23, 2025 | 09:41 AM IST
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बेचैनी की शिकायत के बाद एक सरकारी स्कूल के कम से कम 18 छात्राओं को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने कहा कि बीमारी के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिली है लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि करीब के सीमेंट प्लांट से प्रदूषण के कारण इलाके में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि इलाके में एक सीमेंट प्लांट के वैकल्पिक ईंधन संसाधन (एएफआर) केंद्र को बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसके संचालन में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया था। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि खपराडीह गांव के सरकारी उच्चतर माध्यमिक बालिका विद्यालय की लगभग 18 छात्राओं ने बेचैनी की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें करीब के सुहेला गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।
अधिकारी ने बताया, “स्कूल के पास स्थित श्री सीमेंट प्लांट के एएफआर सेंटर में प्रदूषण की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों ने वहां निरीक्षण किया। प्रथम दृष्टया एएफआर के संचालन में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि एएफआर क्षेत्र से निकलने वाली दुर्गंध के कारण छात्रों में बेचैनी हो सकती है। हालांकि, सोनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा और श्रम विभाग के अधिकारियों ने घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए क्षेत्र में जांच शुरू कर दी है।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है कि स्कूल के पास स्थित दो फैक्ट्रियों से गैस रिसाव के बाद छात्राएं बीमार पड़ गईं। बघेल ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा है, “माननीय मुख्यमंत्री जी! नींद से जाग गए हों तो बेहोश होते स्कूल के बच्चों की सुध ले लीजिए। बलौदाबाजार से बेहद भयावह खबर सामने आ रही है। दृश्य इतने भयावह है कि मैं यहां साझा नहीं कर सकता।”
उन्होंने कहा, “सुहेला स्थित खपराडीह स्कूल के पास गैस के रिसाव से 40 से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। कुछ बच्चे बेहोश हो गए हैं, कुछ को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। दो बच्चों की हालत गंभीर है। बाकी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”
बघेल ने लिखा है, “लगातार तीन दिन से स्कूल में बच्चे बेहोश हो रहे थे, ग्रामीण लगातार प्रशासन से शिकायत कर रहे थे लेकिन प्रशासन सोया रहा और आज यह स्थिति बन गई। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के पास स्थित दो बड़े संयंत्रों से प्रदूषण फैल रहा है। गैस का रिसाव हो रहा है जिस कारण से बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। संयंत्रों से निकलने वाले धुंआ, रासायनिक तत्व और प्रदूषक पदार्थ हवा में घुलकर बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
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