Bihar Board Matric Exam 2025: बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा आज से शुरू, दो स्तर पर होगी तलाशी

कक्षा 10वीं बिहार बोर्ड के छात्रों के लिए पहले दिन मातृभाषा हिंदी, उर्दू, बांग्ला और मैथिली विषयों की परीक्षा आयोजित की जाएगी।

बिहार बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा 2025 दो शिफ्ट में कराई जाएगी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Abhay Pratap Singh | February 17, 2025 | 07:35 AM IST

नई दिल्ली: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) की ओर से आज यानी 17 फरवरी से राज्य के 1,677 परीक्षा केंद्रों पर बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा आयोजित की जाएगी। बीएसईबी कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा 2025 में 15 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे। जिनमें से 7.67 लाख छात्र और 8.18 लाख छात्राएं हैं।

बिहार बोर्ड पहले दिन कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए मातृभाषा (हिंदी, उर्दू, बांग्ला और मैथिली) के विषयों की परीक्षा आयोजित करेगी। बीएसईबी ने परीक्षा केंद्रों पर दो-स्तरीय तलाशी और परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए प्रवेश समय का निर्देश दिया है। बिहार बोर्ड हाई स्कूल परीक्षाएं 25 फरवरी, 2025 तक चलेंगी।

बीएसईबी 2025 डेट शीट के अनुसार, परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले परीक्षा केंद्र का गेट बंद कर दिया जाएगा। बिहार बोर्ड कक्षा 10 परीक्षा दो पालियों में कराई जाएगी। शिफ्ट-1 का आयोजन सुबह 9:30 बजे से 12:45 बजे तक और शिफ्ट-2 का आयोजन दोपहर 2 बजे से शाम 5:15 बजे तक किया जाएगा।

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बिहार बोर्ड नोटिस के अनुसार, पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। बीएसईबी ने छात्रों को परीक्षा हाल में जूते और मोजे पहनने पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्देश दिया है। छात्रों को परीक्षा केंद्र में जूते और मोजे के बजाय चप्पल पहननें की सलाह दी गई है।

नोटिस में आगे बताया गया कि, दृष्टि बाधित और अन्य दिव्यांग छात्र जो स्वयं लिखने में असमर्थ हैं, उन्हें एक लेखक रखने की अनुमति दी गई है। ऐसे छात्रों को परीक्षा के लिए प्रति घंटे 20 मिनट अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इसके अलावा, पटना समेत हर जिले में छात्राओं के लिए चार मॉडल परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

छात्रों को कम से कम 1 घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना चाहिए। एग्जाम सेंटर का गेट बंद होने का बाद छात्रों को किसी भी स्थिति में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जबरन प्रवेश को समिति के निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे उम्मीदवारों को दो साल के लिए परीक्षा से प्रतिबंधित किया जा सकता है।

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