संस्थान की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बीएचयू के केंद्रीय पुस्तकालय में प्रतिदिन 6000 से अधिक छात्र और शिक्षक आते हैं।
Santosh Kumar | August 23, 2024 | 05:47 PM IST
नई दिल्ली: बीएचयू की सेंट्रल लाइब्रेरी, जिसे सयाजी राव गायकवाड़ लाइब्रेरी के नाम से भी जाना जाता है, का विस्तार किया गया है। संस्थान की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले 3 सालों में लाइब्रेरी की अध्ययन क्षमता दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। लंबे समय से लाइब्रेरी की सीमित बैठने की क्षमता एक बड़ी चुनौती थी। अब संस्थान ने लाइब्रेरी के विस्तार की घोषणा करके इस समस्या का समाधान कर दिया है।
संस्थान की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बीएचयू के केंद्रीय पुस्तकालय में प्रतिदिन 6000 से अधिक छात्र और शिक्षक आते हैं। वर्ष 2021 में पुस्तकालय की क्षमता केवल 850 छात्रों की थी, जिसे बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। अब यह संख्या बढ़कर 2000 हो सकती है।
कुलपति सुधीर जैन ने लाइब्रेरी में बैठने की व्यवस्था और अध्ययन क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से लाइब्रेरी की क्षमता बढ़ाई जा रही है। बीएचयू लाइब्रेरी में अभी 15 लाख से ज्यादा किताबें, 90 हजार ई-बुक्स और 17 हजार से ज्यादा पत्रिकाएं हैं।
जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय को अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराया गया है। जी+5 भवन के रूप में नए विस्तार भवन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इससे पुस्तकालय में 600 नई सीटें जुड़ जाएंगी और 70,000 पुस्तकों को संग्रहीत करने के लिए अतिरिक्त स्थान मिलेगा।
पुस्तकालयाध्यक्ष डी.के.सिंह ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में सयाजी राव गायकवाड़ पुस्तकालय में सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इसके लिए वे कुलपति जैन और विश्वविद्यालय प्रशासन के आभारी हैं। सिंह ने कहा कि अब पुस्तकालय को न तो धन की कमी है और न ही अन्य संसाधनों की।
उन्होंने कहा कि नई सुविधाओं से विश्वविद्यालय के सदस्यों, विशेषकर वंचित वर्ग से आने वाले छात्रों को मदद मिल रही है। जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि पुस्तकालय को छात्र-अनुकूल बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पुस्तकालय का वार्षिक बजट 3 साल पहले की तुलना में 5 गुना बढ़ा है।
साइबर लाइब्रेरी अब हर दिन सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजे तक खुली रहती है, जबकि पहले यह केवल 15 घंटे ही खुलती थी। बता दें कि पुस्तकालय का उन्नयन शिक्षा मंत्रालय की इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत किया जा रहा है।