SSC Exam: आईटीबीपी द्वारा प्रशिक्षित छत्तीसगढ़ के 10 आदिवासी छात्रों ने पास की एसएससी, राज्य कांस्टेबल परीक्षा

Press Trust of India | October 20, 2025 | 09:24 AM IST | 2 mins read

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 23 से 25 साल की उम्र के इन युवाओं ने मेहनत और लगन से आईटीबीपी प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण लिया।

छत्तीसगढ़ के एक सुदूर गांव के 10 आदिवासी युवकों ने एसएससी और राज्य पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में सफलता हासिल की है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के एक सुदूर गांव के 10 आदिवासी युवकों ने नक्सल रोधी अभियानों में शामिल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बटालियन के जवानों से दो साल का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और राज्य पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में सफलता हासिल की है। अधिकारियों ने बताया कि सफलता की यह कहानी महाराष्ट्र की सीमा से लगे राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की है।

यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, बस्तर व कांकेर जिलों से सटा है। लगभग दो वर्ष पहले, रायपुर से 200 किमी दूर औंधी गांव स्थित 27वीं आईटीबीपी बटालियन के सीओबी ने स्थानीय आदिवासी युवाओं के लिए करियर परामर्श और शारीरिक प्रशिक्षण शुरू किया।

SSC Exams: युवाओं को सम्मानित किया गया

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 23 से 25 साल की उम्र के इन युवाओं ने मेहनत और लगन से आईटीबीपी प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण लिया। उन्होंने हाल ही में एसएससी और राज्य पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित और शारीरिक परीक्षा पास की।

उन्होंने कहा कि अंतिम योग्यता सूची अभी प्रकाशित नहीं हुई है। औंधी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 27वीं आईटीबीपी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर विवेक कुमार पांडे और जिला पुलिस अधीक्षक वाई पी सिंह ने इन युवाओं को सम्मानित किया।

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अध्ययन सामग्री और वित्तीय मदद दी गई

अधिकारी ने कहा कि यह सफलता नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। सरकार ने मार्च 2026 तक माओवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है। आईटीबीपी ने छात्रों को मार्गदर्शन के साथ अध्ययन सामग्री, आर्थिक मदद दी।

सफल परीक्षार्थियों में शामिल नयन कुमार बनसोडे ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘आईटीबीपी कर्मियों ने हमारा मार्गदर्शन किया। उन्होंने हमें अध्ययन सामग्री, धन और अन्य सहायता भी दी ताकि हम राष्ट्र की सेवा करने में मदद कर सकें।’’

यह क्षेत्र अतीत में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं से प्रभावित रहा था जिसमें जुलाई 2009 का नक्सली हमला भी शामिल है जिसमें तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वी के चौबे और 28 अन्य पुलिसकर्मी मारे गए थे।

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