भारत में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। दोनों का उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार - प्रसार करना है।
Saurabh Pandey | January 10, 2025 | 11:51 AM IST
देश-दुनिया में हिंदी का प्रचार प्रसार करने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा जो दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। यह दिन हिंदी की सांस्कृतिक और भाषाई समृद्धि और पूरे भारत और उसके बाहर लोगों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।
विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसीलिए, इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
यूरोपीय देश नॉर्वे में पहली बार भारतीय दूतावास ने विश्व हिंदी दिवस मनाया था। इसके बाद दूसरा और तीसरा हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वे सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेश चंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में मनाया गया था।
विश्व हिंदी दिवस 2025 की थीम "एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज" (The Global Voice of Unity and Cultural Pride ) है। यह विषय वैश्विक संचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक उपकरण के रूप में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालता है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करना और विविध संस्कृतियों में एकता को बढ़ावा देना है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी।
विश्व हिंदी दिवस और हिंदी दिवस में ज्यादा कुछ अंतर नहीं है, दोनों का ही मकसद देश दुनिया में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है। भारत में हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। वहीं हर साल विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देना है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।