Uttarakhand News: निजी विद्यालयों द्वारा अधिक फीस वसूलने के मामलों की जांच के लिए समिति गठित - उत्तराखंड सरकार
Press Trust of India | October 28, 2025 | 12:18 PM IST | 1 min read
नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने फीस, पोशाक, खेल, शैक्षणिक यात्राएं और निजी विद्यालयों द्वारा एक ही दुकान से किताबें खरीदने को मजबूर किए जाने जैसे मुद्दों की जांच के लिए इस समिति का गठन किया है।
नैनीताल: उत्तराखंड सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य के निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से अधिक फीस वसूले जाने के मामलों के लिए एक सलाहकार समिति गठित की गई है। सरकार ने अदालत को बताया कि अभिभावक समिति के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
राज्य के निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों के अभिभावकों से अधिक शुल्क वसूलने के मुद्दे पर उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें किसी छात्र या माता-पिता से अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने फीस, पोशाक, खेल, शैक्षणिक यात्राएं और निजी विद्यालयों द्वारा एक ही दुकान से किताबें खरीदने को मजबूर किए जाने जैसे मुद्दों की जांच के लिए इस समिति का गठन किया है।
Also read भारत में शून्य नामांकन वाले लगभग 8,000 विद्यालयों में 20,000 शिक्षक कार्यरत: शिक्षा मंत्रालय
न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक माहरा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत पहले सलाहकार समिति में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और मामला का निपटारा कर दिया।
हल्द्वानी निवासी दीपचंद्र पाण्डे ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि राज्य में अनेक निजी स्कूल अभिभावकों से निर्धारित फीस से अधिक फीस वसूल रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों को विशिष्ट दुकानों से नोटबुक, किताबें और पोशाक खरीदने के लिए मजबूर करते है, जिनकी कीमतें आमतौर पर सामान्य बाजार दरों से अधिक होती हैं।
स्कूल प्रबंधनों की तरफ से हालांकि अदालत में दलील दी गई कि सभी पुस्तकें और सामग्री एक ही स्थान पर उपलब्ध करायी जाती है ताकि अभिभावकों को अलग-अलग दुकानों के चक्कर न काटने पड़े और सत्र समय से शुरू हो सके।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट