UPSC Exams: यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के बाद जारी करेगा प्रोविजनल आंसर-की, आयोग ने कोर्ट को दी जानकारी

Santosh Kumar | October 6, 2025 | 11:00 AM IST | 2 mins read

हलफनामे में कहा गया है कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी जाएंगी। प्रत्येक आपत्ति के समर्थन में 3 प्रामाणिक स्रोत होने चाहिए।

आयोग प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि उसने प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होने के बाद प्रोविजनल आंसर-की प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। आयोग प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है।

पिछले महीने उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक हलफनामे में आयोग ने कहा कि अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाएगी। यह हलफनामा सीएसई से संबंधित एक लंबित याचिका पर दाखिल किया गया था।

यूपीएससी ने कहा कि मामले के लंबित रहने के दौरान उसने अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमित्र के सुझाव समेत विभिन्न कारकों पर विचार-विमर्श किया है। अधिवक्ता वर्धमान कौशिक के माध्यम से दाखिल किए गए हलफनामे में इसकी जानकारी दी।

UPSC Answer Key: अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी जाएंगी

इसमें कहा गया है, "व्यापक विचार-विमर्श और संवैधानिक निकाय के रूप में यूपीएससी को सौंपी गई भूमिका को ध्यान में रखते हुए, आयोग सुविचारित निर्णय पर पहुंचा है कि प्री परीक्षा आयोजित होने के बाद प्रोविजनल आंसर-की प्रकाशित किया जाए।’’

हलफनामे में कहा गया है कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी जाएंगी। प्रत्येक आपत्ति के समर्थन में 3 प्रामाणिक स्रोत होने चाहिए, अन्यथा उसे शुरू में ही खारिज कर दिया जाएगा। आयोग तय करेगा कि प्रस्तुत स्रोत मान्य हैं या नहीं।

हलफनामे में कहा गया है कि प्रोविजनल आंसर-की तथा प्रश्न पत्र एवं उत्तर कुंजी पर उम्मीदवारों से प्राप्त आपत्तियों या अभ्यावेदन को संबंधित विषय के विशेषज्ञों के एक समूह या टीम के समक्ष रखा जाएगा, जो सभी पहलुओं पर गहन विचार करेगी और उत्तर कुंजी को अंतिम रूप देगी।

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अंतिम उत्तर कुंजी के आधार पर परिणाम

आयोग ने कहा कि विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार की गई ऐसी अंतिम उत्तर कुंजी प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की घोषणा का आधार बनेगी। हलफनामे में कहा गया है कि आयोग इन प्रक्रियाओं का पालन यथाशीघ्र शुरू करना चाहता है।

इसमें कहा गया है, ‘‘यूपीएससी द्वारा लिया गया निर्णय याचिका में उठाई गई शिकायतों का प्रभावी और पर्याप्त निवारण माना जाए तथा यह यूपीएससी के कामकाज में पारदर्शिता के स्तर को बढ़ाने और जनहित को आगे बढ़ाने के लिए भी है।’’

इनपुट्स-पीटीआई

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