UPPSC RO-ARO Exam Cancelled: यूपीपीएससी आरओ-एआरओ परीक्षा निरस्त, 6 महीने में दोबारा होगी परीक्षा

यूपीपीएससी आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा 2024 11 फरवरी को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लीक होने की खबर सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थी लगातार इस परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे थे।

यूपीपीएससी आरओ-एआरओ परीक्षा निरस्त। (प्रतीकात्मक-शटरस्टॉक)

Saurabh Pandey | March 2, 2024 | 06:27 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारम्भिक परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। यह परीक्षा 11 फरवरी को प्रदेश भर के 58 जिलों में 2387 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। पेपर लीक होने की खबर सामने आने के बाद से ही परीक्षार्थियों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। अभ्यर्थी इस परीक्षा को निरस्त कराने की लगातार मांग कर रहे थे।

यूपीपीएससी आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा 2024 दो पालियों में आयोजित की गई थी। पहली पाली सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 1:30 बजे से 3:30 बजे तक आयोजित की गई थी।

सीएम योगी आदित्यनाथ का ट्वीट

यूपीपीएससी आरओ-एआरओ प्रारंभिक भर्ती परीक्षा 2024 के निरस्त होने की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ के एक्स हैंडल पर देते हुए लिखा गया है कि-

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह में इसे पुनः कराने के आदेश दिए हैं। परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। युवाओं के दोषियों को ऐसी सजा दिलाएंगे, जो नजीर बनेगी।

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अभ्यर्थियों से साक्ष्यों के साथ मांगी गई थी शिकायत

उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं और धांधली की जांच कागजी तौर पर नहीं बल्कि शासन स्तर पर कराने का आदेश जारी किया है। अभ्यर्थी 27 फरवरी तक @secyappoint@nic.in पर अपनी शिकायत साक्ष्यों के साथ दर्ज करा सकते हैं।

इससे पहले पुलिस भर्ती बोर्ड भी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में कथित धांधली की जांच कर रहा है। आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं और धांधली की शिकायतों एवं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा की सुचिता एवं पारदर्शिता को उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि परीक्षा के संबंध में प्राप्त शिकायतों की शासन स्तर पर जांच कराई जाए।

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