यूपी सरकार ने आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए कमेटी बनाने को कहा है। वहीं, आंदोलन कर रहे यूपीपीएससी छात्र RO-ARO परीक्षा के लिए तुरंत नोटिफिकेशन जारी करने की मांग कर रहे हैं।
Abhay Pratap Singh | November 15, 2024 | 03:09 PM IST
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते कई दिनों से यूपीपीएससी आरओ-एआरओ और पीसीएस प्री एग्जाम दो दिनों में कराने के विरोध में जारी आंदोलन के चलते आयोग ने छात्रों की मांगे मान ली हैं, फिर भी छात्रों का आंदोलन जारी है। उनका कहना है कि जब तक सरकार सभी मांगों को नहीं मानती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
दरअसल, आयोग द्वारा यूपीपीएससी पीसीएस प्री एग्जाम 7 और 8 दिसंबर को दो सत्रों में और समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी (RO-ARO) परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित कराई जानी थी। छात्रों के विरोध के बाद पीसीएस प्री एग्जाम को पहले की तरह ‘वन डे वन शिफ्ट’ में कराने का ऐलान करते हुए मांग मान ली गई।
वहीं, आरओ-एआरओ परीक्षा स्थगित करने की बात कहते हुए कमेटी बनाकर फैसला लेने का निर्णय किया गया। जिसके बाद यूपीपीएससी आरओ-एआरओ परीक्षा एक दिन में कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे यूपीपीएससी छात्रों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। बता दें कि, यूपीपीएससी आंदोलन में दो परीक्षाओं के छात्र शामिल हैं।
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समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा एक दिन में कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि यह परीक्षा एक पाली में होगी भी या नहीं अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। सरकार पहले स्पष्ट करे कि आरओ-एआरओ परीक्षा कब होगी और सरकार द्वारा गठित कमेटी क्या निर्णय लेगी?
इसके अलावा, आंदोलनकारी यूपीपीएससी अभ्यर्थियों ने आरओ और एआरओ परीक्षा स्थगित करने के फैसले का विरोध भी किया। उनका कहना है कि RO-ARO भर्ती परीक्षा की अधिसूचना तुरंत जारी की जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
योगी सरकारी के हस्तक्षेप के चलते आयोग द्वारा अपना फैसला वापस लिए जाने के बाद भी यूपीपीएससी छात्र जिस (RO-ARO) प्रतियोगी परीक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उसमें कुल 411 पद भरे जाएंगे। इन पदों के लिए 10,00,000 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इससे पहले, RO-ARO परीक्षा 11 फरवरी, 2024 को आयोजित की गई थी, जिसे पेपर लीक के आरोपों और छात्रों के प्रदर्शन के कारण स्थगित कर दिया गया था।