UGC NET June 2024: यूजीसी नेट रद्द करने पर एसएफआई व अन्य संगठनों ने जताया विरोध, एनटीए को खत्म करने की मांग की
Abhay Pratap Singh | June 20, 2024 | 10:02 AM IST | 2 mins read
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने यूजीसी नेट में कथित अनियमितता मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है।
नई दिल्ली: यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा को रद्द करने पर छात्र संगठनों ने एनटीए को खत्म करने और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। शिक्षा मंत्रालय ने साइबर अपराध की सूचना मिलने के बाद 18 जून को आयोजित यूजीसी नेट परीक्षा रद्द कर दी थी।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने कहा कि नीट से लेकर यूजीसी नेट तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने अपनी अक्षमता साबित कर दी है। जेएनयूएसयू ने यूजीसी नेट जून परीक्षा 2024 रद्द किए जाने पर आज यानी 20 जून को दोपहर 2 बजे विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जल्द ही यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा की जाएगी। यूजीसी नेट का जून सत्र पहली बार 9 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए पेन एवं पेपर मोड में आयोजित किया गया था। बता दें कि, राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर चल रहे विवाद के बीच यूजीसी नेट जून 2024 को रद्द किया गया है।
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परीक्षा रद्द होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कहा, “परीक्षाओं में पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, पेपर लीक की समस्या बहुत गंभीर हो गई है। एबीवीपी नीट-यूजी परीक्षा की सीबीआई जांच की भी मांग करती है। नकल माफिया को बख्शा नहीं जाना चाहिए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने यूजीसी नेट में कथित अनियमितताओं की ‘पारदर्शी’ व स्वतंत्र जांच और एनटीए को हटाने की मांग की है। एसएफआई ने भारत के शिक्षा मंत्री से इस्तीफा देने की भी मांग की। छात्र संगठन ने यूजीसी कार्यालयों और सभी परिसरों में केंद्र सरकार और यूजीसी अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
जम्मू कश्मीर छात्र संघ ने ‘एक्स’ पर कहा कि, “कथित नीट परीक्षा घोटाले के बाद नेट परीक्षाओं को रद्द करना हमारे देश में प्रवेश और परीक्षा संचालन प्रणाली की दयनीय स्थिति के बारे में बहुत कुछ बताता है। लगातार हो रहे ये घोटाले शिक्षा मंत्रालय के लिए एक बड़ा संकेत हैं कि वे ऐसे घोटाले की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।”
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