National Teachers' Awards 2025: शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति ने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित

Abhay Pratap Singh | September 5, 2025 | 03:34 PM IST | 2 mins read

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने के लिए, हमारे शिक्षकों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व अन्य लोग मौजूद रहे। (स्त्रोत-पीआईबी)

नई दिल्ली: शिक्षक दिवस (Teachers Day) पर 5 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार (National Awards) से सम्मानित किया है। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भोजन, वस्त्र और आवास की तरह, शिक्षा भी व्यक्ति के सम्मान और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। समझदार शिक्षक बच्चों में सम्मान और सुरक्षा की भावना पैदा करने का काम करते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है। गरीब से गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा की ताकत से प्रगति के आसमान को छू सकते हैं। स्नेही और समर्पित शिक्षक बच्चों की उड़ान को बल देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों का सबसे बड़ा पुरस्कार यही है कि उनके छात्र उन्हें जीवन भर याद रखें और परिवार, समाज और देश के लिए सराहनीय योगदान दें।

राष्ट्रपति ने कहा, विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है। नैतिक आचरण का पालन करने वाले संवेदनशील, जिम्मेदार और समर्पित विद्यार्थी, उन विद्यार्थियों से बेहतर होते हैं जो केवल प्रतिस्पर्धा, किताबी ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं। एक अच्छे शिक्षक में भावनाएं और बुद्धि दोनों होती हैं। भावनाओं और बुद्धि का समन्वय विद्यार्थियों पर भी प्रभाव डालता है।

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स्मार्ट ब्लैकबोर्ड, स्मार्ट क्लासरूम और अन्य आधुनिक सुविधाओं का अपना महत्व है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण हैं स्मार्ट शिक्षक। स्मार्ट शिक्षक वे होते हैं, जो अपने छात्रों की विकास संबंधी आवश्यकताओं को समझते हैं। ऐसे शिक्षक स्नेह और संवेदनशीलता के साथ पढ़ाई की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाते हैं। इस प्रकार के शिक्षक ही छात्रों को समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।

द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया जाना चाहिए। बालिकाओं की शिक्षा में निवेश करके, हम अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य निवेश करते हैं। बालिकाओं को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करना महिला-नेतृत्व विकास को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका है।

उन्होंने आगे कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। इसके लिए, हमारे शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। हमारे संस्थानों और शिक्षकों को शिक्षा के तीनों क्षेत्रों स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा में सक्रिय योगदान देना होगा। हमारे शिक्षक अपने महत्वपूर्ण योगदान से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करेंगे।

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