आईआईटी छात्र और नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट तलब करने का निर्देश दिया

Student Suicide News: उच्चतम न्यायालय ने पूछा - क्या आईआईटी छात्र और नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

आईआईटी छात्र और नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या मामले का जस्टिस जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने संज्ञान लिया। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट/सुप्रीम कोर्ट)

Press Trust of India | May 6, 2025 | 05:38 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार (6 मई, 2025) को जानना चाहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के एक छात्र और राजस्थान के कोटा में एक नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद क्या प्राथमिकी दर्ज की गई थी। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने रजिस्ट्री को दोनों स्थानों से यथाशीघ्र रिपोर्ट तलब करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि आईआईटी खड़गपुर में पढ़ने वाला 22-वर्षीय छात्र चार मई को अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका मिला था।

पीठ ने कहा, ‘‘जान गंवाने वाला तीन-वर्षीय सिविल इंजीनियरिंग का छात्र था। उसका शव मदन मोहन मालवीय हॉल में उसके कमरे में लटका मिला। छात्र की पहचान बिहार के शिवहर जिले के मोहम्मद आसिफ कमर के रूप में हुई।’’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘मीडिया में आई खबरों से पता चलता है कि अपनी मृत्यु से कुछ क्षण पहले वह दिल्ली में अपने दोस्त के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रहा था। यह उन दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्याओं में से एक है, जिसके लिए हमने छात्रों की आत्महत्या से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर काम करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है।’’

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शीर्ष अदालत ने इससे पहले उच्च शिक्षण संस्थानों में आत्महत्याओं को रोकने के लिए छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने के वास्ते शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एस रवींद्र भट की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया था।

न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले का संज्ञान यह पता लगाने के लिए ले रहा है कि क्या आईआईटी, खड़गपुर के प्रबंधन या प्रशासन ने इसके पूर्व निर्देशों के अनुसार स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसने राजस्थान के कोटा में एक नीट अभ्यर्थी द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले का भी संज्ञान लिया। इस घटना में अभ्यर्थी ने शहर के पार्श्वनाथ इलाके में अपने कमरे में फांसी लगा ली थी।

अदालत ने कहा, ‘‘बताया गया है कि लड़की 18 वर्ष से कम उम्र की थी और मध्य प्रदेश के श्योपुर की रहने वाली थी। वह अपने माता-पिता के साथ कोटा (राजस्थान) में रह रही थी और पिछले कई वर्षों से एक कोचिंग संस्थान में नीट-स्नातक की तैयारी कर रही थी।’’

पीठ ने कहा कि यह राजस्थान के कोटा में किसी कोचिंग के विद्यार्थी द्वारा आत्महत्या का कथित तौर पर चौदहवां मामला है। इसने कहा, ‘‘हम जानना चाहेंगे कि क्या इस आत्महत्या के संबंध में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है या नहीं।’’ इसके बाद यह मामला 13 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया।

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