Press Trust of India | July 28, 2025 | 09:55 AM IST | 2 mins read
स्थिति रिपोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने कहा कि शारदा विश्वविद्यालय से संबंधित घटना में प्राथमिकी अभिभावकों द्वारा दर्ज कराई गई थी और सुसाइड नोट में नामित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को सूचित किया गया है कि ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय (Sharda University) ने एक छात्रा की कथित तौर पर आत्महत्या की घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई, बल्कि उसके माता-पिता ने दर्ज कराई। वहीं, सुरक्षा गार्डों ने छात्रावास के पंखे से लटकी छात्रा के शव को नीचे उतारा था।
यह जानकारी वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट में दी गई। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सहायता के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी सोमवार (28 जुलाई, 2025) को मामले की सुनवाई कर सकती है।
रिपोर्ट में भट्ट ने कहा कि शारदा विश्वविद्यालय से संबंधित घटना में प्राथमिकी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं, बल्कि अभिभावकों द्वारा दर्ज कराई गई थी और सुसाइड नोट में नामित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पोस्टमार्टम से पता चला है कि मौत दम घुटने से हुई है और जांच जारी है तथा जल्द ही पूरी हो जाएगी।
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स्थिति रिपोर्ट में पुलिस का पक्ष भी शामिल किया गया है, जिसमें उसने दावा किया है कि ऐसे मामलों में जिन प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है उनका विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने उल्लंघन किया। इसी प्रकार, भट्ट ने आईआईटी-खड़गपुर मामले में जांच की स्थिति भी बताई, जहां चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिकी विश्वविद्यालय द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें किसी को भी आरोपी नहीं बनाया गया, पोस्टमार्टम के नतीजों के बारे में जानकारी नहीं है और जांच की स्थिति भी ज्ञात नहीं है क्योंकि पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिनके आत्मघाती कदम उठाने की आशंका है तो उनसे संवाद करें और समझाएं। आत्महत्या के विचार आने पर पीड़ित व्यक्ति सहायता और परामर्श के लिए हेल्पलाइन नंबर 9820466726 पर कॉल कर सकते हैं या फिर AASRA की आधिकारिक वेबसाइट http://www.aasra.info/ की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा, 9152987821 भी कॉल कर सकते हैं। यहां आत्महत्या रोकने के लिए सक्रिय कुछ और संगठनों के हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं जो ऐसे लोगों की मदद कर सकते हैं।