UGC: उच्च शिक्षण संस्थानों में वार्षिक परीक्षा प्रणाली की जगह सेमेस्टर पद्धति अपनाई जाए - यूजीसी अध्यक्ष
Press Trust of India | December 2, 2024 | 07:20 PM IST | 2 mins read
एम. जगदीश कुमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में संविधान की मूल भावना के मुताबिक सामाजिक न्याय, समानता और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने सोमवार (2 दिसंबर) को कहा कि विद्यार्थियों के बेहतर मूल्यांकन और उनके सीखने की प्रक्रिया में सुधार के लिए देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों को वार्षिक परीक्षा प्रणाली के बजाय सेमेस्टर पद्धति अपनानी चाहिए। कुमार ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन किया जाए। अगर आप साल भर में बस एक बार परीक्षा आयोजित करते हैं, तो इससे विद्यार्थियों को उनकी सीखने की प्रक्रिया में सुधार का संदेश नहीं मिल पाता। इसलिए सेमेस्टर प्रणाली को वैश्विक स्तर पर अपनाया गया है।”
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए देश के उन सभी विश्वविद्यालयों को सेमेस्टर पद्धति अपनानी चाहिए जहां अब भी केवल वार्षिक परीक्षा प्रणाली के आधार पर छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। सेमेस्टर के बीच में परीक्षा, अलग-अलग अभ्यासों, परिचर्चाओं में भागीदारी और गृह कार्य के आधार पर भी विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
यूजीसी अध्यक्ष ने ‘‘एक राष्ट्र, एक सदस्यता" (वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन) योजना का स्वागत करते हुए कहा कि कम से कम 6,300 महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को इस योजना का फायदा मिलेगा जिससे उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध का ढांचा मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक देशव्यापी पहुंच प्रदान करने के लिए,‘‘एक राष्ट्र, एक सदस्यता" (वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन) योजना को हाल ही में मंजूरी दी है। इसके तहत तीन कैलेंडर वर्षों-2025, 2026 और 2027 के लिए कुल 6,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
Also read UGC NET December 2024: क्या दिसंबर 2024 में यूजीसी नेट परीक्षा होगी?
यूजीसी अध्यक्ष कुमार, स्वायत्तशासी महाविद्यालयों के क्षेत्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने इंदौर आए थे। “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन” विषय पर केंद्रित यह सम्मेलन यूजीसी और इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने मिलकर आयोजित किया था। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में संविधान की मूल भावना के मुताबिक सामाजिक न्याय, समानता और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वायत्तता बढ़ाने पर जोर देते हुए कुमार ने कहा,‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आने के बाद से हम कह रहे हैं कि हम हर छोटी-छोटी चीज नहीं देखेंगे। हम आपको (उच्च शिक्षण संस्थानों) को एक मोटा-मोटा ढांचा दे रहे हैं ताकि इसके भीतर प्रयोग और नवाचार करके उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलाव किए जा सकें।” कुमार ने कहा कि पिछले चार साल में कई विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में बदलाव देखे गए हैं और यूजीसी वर्ष 2035 तक देश के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाकर 50 फीसद के स्तर पर पहुंचाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है।
देश के कुछ राज्यों द्वारा कथित राजनीतिक कारणों से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अब तक नहीं अपनाने के बारे में पूछे जाने पर यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे (कुछ राज्य) नयी राष्ट्रीय नीति लागू नहीं कर रहे हैं। वे इसे लागू करने में पिछड़ रहे हैं, लेकिन हम उनके साथ भी काम कर रहे हैं। हम उन्हें नई राष्ट्रीय नीति लागू करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।”
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज