Press Trust of India | January 20, 2025 | 07:35 PM IST | 1 min read
परिवार ने दावा किया कि मामले की जांच आधे-अधूरे मन से की गई और अपराध में शामिल कई अन्य आरोपियों को बख्श दिया गया।
कोलकाता: कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के परिवार ने आज यानी 20 जनवरी को कहा कि वे दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। कोलकाता की अदालत ने सोमवार को संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
परिवार ने दावा किया कि मामले की जांच आधे-अधूरे मन से की गई और अपराध में शामिल कई अन्य आरोपियों को बख्श दिया गया। उन्होंने कहा कि वे न्याय के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। मृतका की मां ने पीटीआई से कहा, "हम स्तब्ध हैं।"
मृतका महिला डॉक्टर की मां ने कहा, "यह कोई दुर्लभतम मामला नहीं है। ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। हम सदमे में हैं। इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश थी।"
फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि यह "दुर्लभतम में से दुर्लभतम" मामला नहीं है जिसमें दोषी को मौत की सजा दी जाए। मृतका डॉक्टर के पिता ने कहा कि जब तक सभी अपराधियों को सजा नहीं मिल जाती, वह लड़ाई जारी रखेंगे।
सियालदह की अदालत ने आज (20 जनवरी) संजय रॉय को पिछले साल अगस्त में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया।
अदालत ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और राज्य सरकार को मृतका के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया।
एनटीए ने 22, 23, और 24 जनवरी की परीक्षा के लिए जेईई मेन एडमिट कार्ड 2025 पहले ही जारी कर दिया है। परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को एनटीए द्वारा बनाए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
Santosh Kumar