J&K News: पीडीपी ने की छात्रों को जबरन तिरंगा रैली में भेजने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना

इल्तिजा मुफ्ती ने एक आदेश का हवाला दिया जिसमें स्कूल प्रमुखों को 23 जनवरी को होने वाली रैली में 40 से 50 छात्रों और 2 शिक्षकों को भेजने का निर्देश दिया गया।

इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि छात्रों को वैचारिक कार्यक्रमों में भेजना शिक्षा का दुरुपयोग है और उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताया। (इमेज-X/@IltijaMufti_)
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि छात्रों को वैचारिक कार्यक्रमों में भेजना शिक्षा का दुरुपयोग है और उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताया। (इमेज-X/@IltijaMufti_)

Santosh Kumar | January 24, 2025 | 08:06 PM IST

श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने 24 जनवरी को जम्मू-कश्मीर सरकार पर छात्रों को जबरन तिरंगा रैली में भेजने का आरोप लगाया और इसे "अस्वीकार्य" बताया। पार्टी ने कहा कि शिक्षा का इस्तेमाल "आरएसएस से जुड़े एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के प्रचार के लिए" किया जा रहा है।

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने "एक्स" पर लिखा, "जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों को पुंछ में आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी द्वारा आयोजित तिरंगा रैली में भाग लेने के लिए मजबूर किया।"

जबरन तिरंगा रैली में भेजने का आरोप

पीडीपी अध्यक्ष और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि छात्रों को वैचारिक कार्यक्रमों में भेजना शिक्षा का दुरुपयोग है और इसे अस्वीकार्य बताया।

इल्तिजा मुफ्ती ने पुंछ के मुख्य शिक्षा अधिकारी के एक कथित आदेश का हवाला दिया, जिसमें स्कूल प्रमुखों को 23 जनवरी, 2025 को आयोजित रैली में 40 से 50 छात्रों और 2 शिक्षकों को भेजने का निर्देश दिया गया था।

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उमर अब्दुल्ला सरकार की आलोचना

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के एक अन्य नेता और पुलवामा के विधायक वहीद पारा ने भी इसकी आलोचना की। वहीद पाराने कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने चुनावी वादों को छोड़ दिया है।

पार्टी के एक अन्य नेता और पुलवामा से विधायक वहीद पारा ने भी इस कदम की आलोचना की। वहीद पारा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने अपने चुनावी वादों को छोड़ दिया है।

पारा ने कहा, "इनमें अनुच्छेद 370 की बहाली, राजनीतिक कैदियों की रिहाई, आरक्षण सुधार, मुफ्त बिजली और राशन, युवा रोजगार अधिनियम और पीएसए और अफस्पा कानूनों को हटाने जैसे वादे शामिल थे।"

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