Santosh Kumar | January 24, 2025 | 05:08 PM IST | 2 mins read
2024 में इस क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से सबसे ज्यादा 73,498 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा को दिए गए।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट 2025 पेश करेंगी। यह मोदी सरकार का 11वां बजट होगा और इसमें शिक्षा और रोजगार क्षेत्र में कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी बजट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच, शिक्षकों की कमी को दूर करने और छात्रों को एआई और तकनीक के लिए तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।
इस संदर्भ में ईविद्यालोक के चेयरमैन और ट्रस्टी रविचंद्रन वी का मानना है कि बजट 2025 में शिक्षा के लिए बड़े और साहसिक कदम उठाए जाने की जरूरत है। शिक्षा पर खर्च 3% से बढ़ाकर 8% किया जाना चाहिए।
रविचंद्रन वी ने कहा कि हर वर्ग के विद्यार्थियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके लिए निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों को मिलकर एआई आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए।
हर सरकारी स्कूल में कक्षा 6 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाया जाना चाहिए। कक्षा 1 से ही पाठ्यक्रम में एआई, कोडिंग और कंप्यूटर साइंस को शामिल किया जाना चाहिए, साथ ही गणित पर भी जोर दिया जाना चाहिए।
केंद्रीय बजट 2025 से पहले गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने भी एआई शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर और अमेरिका जैसे देशों ने पहले ही शिक्षा में एआई का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
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लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा, समान अवसर और तकनीकी हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर विचार किया जा सकता है। ध्रुव गलगोटिया के अनुसार, वर्तमान में भारत में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी 36 प्रतिशत है।
देश के छात्रों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं। वैसे मोदी सरकार ने पिछले कुछ सालों में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए बजट में लगातार बढ़ोतरी की है।
शिक्षा और रोजगार देश की अर्थव्यवस्था और नागरिकों की जीवनशैली को प्रभावित करते हैं। 2024 में इस क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से सबसे ज्यादा 73,498 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा को दिए गए।