‘अच्छे स्कूल प्रकाश स्तंभ जैसे होते हैं, जो हर राह को रोशन करते हैं’ - आरएमएस के शताब्दी समारोह में अखिलेश

Abhay Pratap Singh | September 7, 2025 | 04:57 PM IST | 2 mins read

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (RMS) के 100 साल पूरे होने पर 6 सितंबर को दिल्ली से आई कार रैली आगरा पहुंची थी।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव आरएमएस के पूर्व छात्र रहे हैं। (स्त्रोत-एक्स/अखिलेश यादव)
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव आरएमएस के पूर्व छात्र रहे हैं। (स्त्रोत-एक्स/अखिलेश यादव)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (RMS) के 100 साल पूरे होने पर आयोजत शताब्दी समारोह को लेकर आगरा पहुंची कार रैली में आरएमएस के पूर्व छात्र व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हुए। उन्होंने कहा, अच्छे स्कूल प्रकाश स्तंभ जैसे होते हैं, जो हर राह को रोशन करते रहते हैं।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, मिलिट्री स्कूल ने सिखाया कि जीवन में हार मानना विकल्प नहीं है। जीवन के हर चढ़ाव-उतार में ‘नेवर-गिवअप’ का मंत्र भी वहीं से मिला है। नेतृत्व का असली अर्थ भी उन्होंने स्कूल से ही सीखा है। इस दौरान यादव ने पूर्व छात्रों और अपने सहपाठियों से भी मुलाकात की।

उन्होंने आगे कहा कि, मिलिट्री स्कूल में ही हमने दोस्ती निभाना और साथ देना सीखा है। हम सभी अलग-अलग प्रोफेशन में होने के बाद भी हमारे इमोशन हमें यहां खींच लाए हैं। अखिलेश ने बताया कि लोकसभा में भी ऐसे बहुत कम लोग ही होंगे, जिन्होंने किसी बहाने से अपने स्कूल को याद किया होगा।”

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अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “बचपन की यादें होती हैं, यादों का बचपन नहीं होता वो उम्र के साथ-साथ बड़ी होती जाती हैं। अपने स्कूल के शताब्दी समारोह में आकर अपनत्व का ही नहीं, जिम्मेदारी का भी गहरा एहसास हुआ।”

आगे लिखा, “अच्छे स्कूल प्रकाश स्तंभ जैसे होते हैं जो जीवन में हमेशा, हर राह को रोशन करते रहते हैं। ऐसे शिक्षालय, शिक्षक एवं शिक्षा के लिए हृदय से आभार जिसने देशप्रेम, अनुशासन, मानवता, सौहार्द, करुणा और जनसेवा का शाश्वत पाठ पढ़ाया।”

मिलिट्री स्कूल के 100 साल पूरे होने पर 6 सितंबर को दिल्ली से आई कार रैली आगरा पहुंची थी। आरएमएस शताब्दी समारोह कार रैली में मुख्य अतिथि के रूप में थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र सिंह शामिल हुए। वहीं, आरएमएस के पूर्व छात्र रहे कर्नल जीएम खान ने बताया कि स्कूल की नींव 1925 में अंग्रेजों ने हिमाचल प्रदेश के चैल (शिमला) में रखा थी।

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