Abhay Pratap Singh | September 7, 2025 | 03:30 PM IST | 2 mins read
स्नातकोत्तर चिकित्सा छात्रों के लिए जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम (DRP) क्षेत्र स्तर पर लोगों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को समझने का अवसर प्रदान करता है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उत्तरी राज्यों में भारी वर्षा जारी रहने के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्नातकोत्तर (PG) मेडिकल छात्रों को तैनात करने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि चल रहे राहत उपायों के तहत स्वास्थ्य पेशेवरों की तत्काल आवश्यकता है।
एनएमसी ने स्नातकोत्तरों के लिए जिला रेजीडेंसी कार्यक्रमों के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आवश्यकतानुसार डीआरपी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों की पोस्टिंग करें। स्नातकोत्तर चिकित्सा छात्रों के लिए जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम (डीआरपी) क्षेत्र स्तर पर लोगों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को समझने का अवसर प्रदान करता है।
आधिकारिक नोटिस में कहा गया कि, “यह पहल न केवल जमीनी स्तर पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी, बल्कि युवा चिकित्सा पेशेवरों को आपदा प्रतिक्रिया, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन और सामुदायिक सेवा में सार्थक अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी देगी। इसके साथ ही यह उनके समग्र प्रशिक्षण को और बेहतर बनाएगी।”
नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी आधिकारिक सूचना में आगे कहा कि, गृह मंत्रालय ने भी उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की अपील की है, और कई स्नातकोत्तर डॉक्टरों ने स्वेच्छा से अपनी सेवाएं देने की इच्छा व्यक्त की है।
सीखने और सेवा दोनों के अद्वितीय अवसर को ध्यान में रखते हुए एनएमसी ने इसे स्नातकोत्तर प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण घटक माना है। इसके अनुसार, उत्तरी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बाढ़/आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रों की तैनाती को जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम प्रशिक्षण का हिस्सा माना जाएगा।
देश के उत्तरी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के चलते हुए भारी नुकसान से जूझ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे आवासीय कॉलोनियों में बाढ़ आ गई है और परिवहन एवं आवश्यक सेवाएं बाधित हो गई हैं।