NEET PG Supreme Court Hearing: एनबीई ने आंसर-की जारी करने से किया इनकार, नीट पीजी की सुनवाई फिर टली

एनबीई के वकील ने कहा कि अगर हम हर साल प्रश्न और आंसर-की प्रकाशित करेंगे, तो 3 साल में हमारे सभी प्रश्न खत्म हो जाएंगे।

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सुनवाई को गैर-विविध दिन पर सूचीबद्ध करने को कहा। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Santosh Kumar | October 25, 2024 | 02:59 PM IST

नई दिल्ली: नीट पीजी 2024 रिजल्ट की पारदर्शिता से जुड़ी याचिका पर आज यानी 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने एनबीई के वकील से नीट पीजी 2024 परीक्षा की आंसर-की जारी करने के बारे में पूछा, जिस पर एनबीई ने कहा कि हम आंसर-की जारी नहीं करेंगे, यह हमारा नियम है। इसके बाद जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई को नॉन-मिसलेनियस डे पर लिस्ट करने को कहा।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विभा मखीजा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिव ने संक्षिप्त हलफनामा दाखिल किया है। सुनवाई के दौरान एनबीई ने भी अपना जवाब दिया। याचिकाकर्ताओं ने एनबीई से उत्तर कुंजी जारी करने और काउंसलिंग प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई।

SC Hearing on NEET PG: आंसर-की पर एनबीई का तर्क

बार एंड बेंच के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता विभा मखीजा ने कहा, "सूचना ज्ञापन प्रकाशित नहीं किया गया है और परीक्षा कैसे आयोजित की जाएगी, इसके बारे में कोई एसओपी भी नहीं है। यहां तक कि राज्य भी काउंसलिंग आयोजित करने को लेकर असमंजस में हैं।"

एनबीई की ओर से उपस्थित वकील ने स्पष्ट किया कि चूंकि यह स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर एक सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा है और उचित और कठिन प्रश्नों की संख्या सीमित है, इसलिए उत्तर कुंजी प्रकाशित नहीं की गई है।

Also read NEET PG 2024 LIVE: नीज पीजी रिजल्ट मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई समाप्त, जाने लेटेस्ट अपडेट, काउंसलिंग

NEET PG 2024 Latest News: सुनवाई गैर-विविध दिन पर होगी

एनबीई के वकील ने कहा कि अगर हम हर साल प्रश्न और आंसर-की प्रकाशित करेंगे, तो 3 साल में हमारे सभी प्रश्न खत्म हो जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर कुंजी प्रकाशित नहीं की जाएगी, और यह बात सूचना बुलेटिन में भी दी गई थी।

पीठ ने पूछा कि क्या आरटीआई के माध्यम से उत्तर पुस्तिकाएं हासिल करने की कोशिश की गई थी। एनबीई ने बताया कि ये सवाल वस्तुनिष्ठ प्रकार के हैं और कंप्यूटर से जांचे जाते हैं, जिसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता।

इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता मखीजा ने पारदर्शिता का मुद्दा उठाया। इसके बाद न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "हमें मामले की फिर से सुनवाई करनी होगी। हम इसे गैर-विविध दिन पर सूचीबद्ध करेंगे।"

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]