National Space Day 2025: भारत मना रहा दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, जानें इस वर्ष की थीम; पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “नेशनल स्पेस डे हमारे युवाओं में उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है। ये देश के लिए गर्व की बात है।”
Abhay Pratap Singh | August 23, 2025 | 12:18 PM IST
नई दिल्ली: भारत आज यानी 23 अगस्त को अपना दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) मना रहा है। साल 2023 में इसी दिन चंद्रयान-3 मिशन ने विक्रम लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग की थी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर का सफल प्रक्षेपण हुआ और लैंडिंग स्थल का नाम शिव शक्ति पॉइंट रखा गया।
इस उपलब्धि के साथ भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में घोषित किया। भारत ने 23 अगस्त, 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया था।
नेशनल स्पेस डे 2025 की थीम “आर्यभट्ट से गगनयान: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं तक” विषय पर आधारित है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 के उपलक्ष्य में अंतरिक्ष विभाग इस पूरे महीने देश भर में समारोह आयोजित कर रहा है, जिससे युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान और उसके अनुप्रयोगों के प्रति प्रेरित किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर कहा, “नेशनल स्पेस डे हमारे युवाओं में उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है। ये देश के लिए गर्व की बात है। मैं स्पेस सेक्टर से जुड़े सभी लोगों को, वैज्ञानिकों को, सभी युवाओं को नेशनल स्पेस डे की बधाई देता हूं।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “अंतरिक्ष में भारत की यात्रा हमारे दृढ़ संकल्प, नवाचार और सीमाओं को आगे बढ़ाने वाले हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा को दर्शाती है।” उन्होंने बताया कि, हमारे प्राइवेट सेक्टर द्वारा बनाया गया पहली PSLV रॉकेट भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। स्पेस सेक्टर भारत के युवाओं के लिए बहुत बड़ी संख्या में अवसर बनने जा रहा है।
Indian Space Research Organisation: इसरो क्या है?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है। इसरो पहले भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) के नाम से जाना जाता था, जिसकी स्थापना भारत सरकार ने 1962 में डॉ. विक्रम साराभाई के मार्गदर्शन में की गई थी। इसरो का गठन 15 अगस्त, 1969 को हुआ था। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है।
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